शपथ ग्रहण से पहले बढ़ी मुंबई और दिल्ली के बीच की दूरी?
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में सीएम चेहरे को लेकर उठा-पटक जारी है। बुधवार को मुंबई में महायुति के विधायक दलों की बैठक होनी है, जिसमें सीएम चेहरा फाइनल कर दिया जाएगा। उससे पहले एकनाथ शिंदे ने गृह मंत्रालय की मांग को लेकर पेच फंसा रखा है। अब अजीत पवार भी अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में डटे हुए हैं। शिवसेना और एनसीपी ने अपनी मांगों से महाराष्ट्र में महायुति सरकार के शपथ ग्रहण से पहले बड़ा अड़ंगा लगा दिया है।
महायुति सरकार के गठन से पहले एकनाथ शिंदे नाराज बताए जा रहे हैं। शिंदे गुट का कहना है कि जब देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री थे तो गृह विभाग उनके पास था इसलिए एकनाथ शिंदे अगर डिप्टी सीएम बनते हैं तो गृह मंत्रालय उनके पास होना चाहिए। हालांकि बीजेपी गृह विभाग छोड़ने को तैयार नहीं है। उधर, एनसीपी प्रमुख अजीत पवार कल से दिल्ली में हैं। माना जा रहा है कि अमित शाह के साथ बैठक में अजीत पवार एनसीपी के लिए ११ मंत्री पद मांग सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी प्रमुख अजीत पवार दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात कर एक वैâबिनेट और १ राज्यपाल पद की भी मांग करेंगे। पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता के लिए राज्यपाल पद और प्रफुल्ल पटेल के लिए केंद्र में वैâबिनेट पद की मांग की जा सकती है। अजीत पवार गुट के नेता छगन भुजबल पहले भी बड़ी मांग करते हुए शिंदे गुट को संदेश देने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि गठबंधन में बीजेपी के बाद हमारा स्ट्राइक रेट अच्छा है तो हमें भी उनकी जितनी जगह मिले। महाराष्ट्र में महायुति २८८ में से २३० सीट जीतकर सरकार बनाने जा रही है। भाजपा १३२ सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।