सुनील ओसवाल / मुंबई
‘ईडी’ २.० सरकार सत्ता में आने के बाद राज्य में एक अप्रैल से बिजली सस्ती होने की बात कह रही थी। वह राज्य की जनता को बिजली की दरें कम होने के सपने दिखा रही थी। मगर हुआ बिल्कुल उलटा। प्रति यूनिट बिजली की दरों में ६० पैसे की वृद्धि करने के साथ ‘ईडी’ २.० ने जनता को महंगाई का जोरदार झटका दिया है।
बता दें कि महावितरण द्वारा सस्ती बिजली पर आपत्ति जताए जाने के बाद महाराष्ट्र राज्य नियामक आयोग ने इस मामले पर अपना पैâसला टाल दिया। दूसरी तरफ महावितरण ने एक परिपत्र जारी कर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की कीमत ६० पैसे प्रति यूनिट बढ़ा दी है। इसके लिए ईंधन समायोजन शुल्क (एफएसी) को आधार बनाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, पिछले वर्ष गर्मी और उसके बाद मानसून के दौरान कंपनी में बिजली की कमी के कारण बाहर से महंगी बिजली खरीदनी पड़ी थी। अब इसकी भरपाई के लिए ग्राहकों से ईंधन समायोजन शुल्क वसूलना होगा। राज्य में १ अप्रैल से सस्ती बिजली मिलनी थी, उसी दिन महावितरण ने एक परिपत्र जारी कर मार्च में खपत की प्रत्येक यूनिट पर एफएसी वसूलने का आदेश दिया। इसके लिए कंपनी ने आयोग के ३० मार्च २०२० के आदेश का हवाला दिया। यह एफएसी केवल मार्च के उपयोग पर लागू होगा। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि महावितरण की महंगी बिजली खरीद दरों को देखते हुए यह सुधार आने वाले महीनों में भी जारी रहेगा। इसका असर घरेलू उपभोक्ताओं सहित हर वर्ग के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
३० हजार मेगावाट की मांग
महाराष्ट्र में बिजली की मांग ३० हजार मेगावाट के करीब पहुंच गई है। ७ अप्रैल को राज्य में सर्वाधिक मांग २९,४११ मेगावाट थी। इसमें मुंबई की ३,७५३ मेगावाट बिजली भी शामिल है। दूसरी ओर, राज्य में निजी क्षेत्र सहित उत्पादन १,८५,०३३ मेगावाट था। शेष मांग केंद्रीय कोटा और विद्युत एक्सचेंजों के माध्यम से पूरी की जा रही है।
घरेलू उपभोक्ताओं पर प्रभाव
५०० यूनिट पर ६० पैसे, ३०१ से ५०० यूनिट ५५ पैसे, १०१ से ३०० यूनिट ४० पैसे, ० से १०० यूनिट २५ पैसे, बीपीएल १० पैसे।
वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ४० से ६० पैसे, कृषि को १५ से ३० पैसे, स्ट्रीट लाइट को ३० से ३५ पैसे, जलापूर्ति योजनाओं को ३० से ३५ पैसे, ईवी चार्जिंग स्टेशनों को ४० पैसे और उद्योगों को ३५ से ४० पैसे अधिक भुगतान करना होगा।
दर कटौती स्थगित
बिजली कंपनी की दरें हर पांच साल में तय होती हैं। तदनुसार, १ अप्रैल २०२५ से ३१ मार्च २०३० तक के लिए नई दरों की घोषणा २९ मार्च को की गई। यदि हम शुद्ध बिजली दरों (बिजली शुल्क और ट्रांसमिशन) पर विचार करते हैं, तो कम वोल्टेज खुदरा श्रेणी, यानी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए औसत मूल्य में कमी, चार श्रेणियों में २.०८ रुपए प्रति यूनिट या १५.५६ प्रतिशत थी। इस दर कटौती को स्थगित करते हुए, पिछली बिजली दरें पुन: लागू कर दी गई हैं।