सामना संवाददाता / डोंबिवली
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से भारी पैमाने पर बांग्लादेशी नागरिक हिंदुस्थान में घुसपैठ कर रहे हैं। कल डोंबिवली के मानपाड़ा पुलिस स्टेशन अंतर्गत बिना वैध दस्तावेजों के डोंबिवली में रह रहे छह बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक महिला का भी समावेश है। पुलिस के अनुसार, ये सभी लगभग १५ दिन पहले बांग्लादेश से आए थे और इनमें से कुछ कपड़ा कंपनी में काम कर रहे थे। पुलिस ने इन्हें हिरासत में लेकर बांग्लादेश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि ये लोग फर्जी पहचान पत्रों और दस्तावेजों के सहारे हिंदुस्थान में घुसपैठ किए थे।
बता दें कि चार दिन पहले १७ दिसंबर को कोलसेवाड़ी पुलिस ने विठ्ठलवाड़ी के पुरानी सोनिया कॉलोनी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी दंपति को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अंजुरा हसन (३७) और कमल हसन (४४) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, यह दंपति पिछले सात से आठ सालों से हिंदुस्थान में अवैध रूप से रह रहा था और रिक्शा चलाने व घरों में काम करके जीवन यापन कर रहा था।
बता दें कि जुलाई २०१७ में भी मानपाड़ा पुलिस ने अड़वली क्षेत्र से छह बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार किए थे। जिन्होंने जाली दस्तावेज के आधार पर यहां रह रहे थे। इसी प्रकार २०१६ में कल्याण -पूर्व के निलजे गांव में ग्यारह बांग्लादेशी गिरफ्तार किए गए थे, जिसमें ८ पुरुष व ३ महिलाओं का समावेश था।
चिकन व्यवसाय से जुड़े हैं अधिकतर बांग्लादेशी
बताया जाता है कि कल्याण पूर्व चेतना से अड़वली, ढोकाली सहित कल्याण- पूर्व डोंबिवली के गोलवली आदि क्षेत्रों में भारी पैमाने पर बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से जाली दस्तावेज के आधार पर रह रहे है, जिनमें चिकन की दुकान, नारियल पानी व जूस सेंटर जैसे व्यवसायों से जुड़े हुए हैं। टिटवाला के मांडा ग्रामीण पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले म्हारल गांव, वरप, कांबा और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध रूप से रहने की संभावना अधिक बताई जाती है। इसका मुख्य कारण है कि अधिक किराए के लालच में स्थानीय लोग बिना पुलिस सत्यापन के इन्हें कमरे किराए पर दे देते हैं। पुलिस उक्त क्षेत्रों की कड़ी जांच करे तो भारी पैमाने पर बांग्लादेशी नागरिक पाए जाएंगे।