सामना संवाददाता / ठाणे
सूबे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भले ही राज्य में कानून व्यवस्था की बात करते हों, लेकिन उन्हीं के गृह जिले ठाणे में डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं। ठाणे जिला सिविल अस्पताल में भर्ती एक मरीज की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने न केवल वहां उपस्थित डॉक्टरों और कर्मियों से मारपीट की, बल्कि चाकू से मारने की धमकी भी दी। हैरान करनेवाली बात यह है कि अस्पताल के जिन कर्मियों से मारपीट की गई है, उनमें विकलांग भी शामिल हैं। इस मारपीट के विरोध और सुरक्षा को लेकर डॉक्टरों और कर्मचारियों ने सुबह ११ बजे प्रदर्शन किया। इस घटना को लेकर एक बार फिर सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों और कर्मचारियों की सुरक्षा का मुद्दा सामने आ गया है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि घटना के समय ड्यूटी पर कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था।