सामना संवाददाता / नई दिल्ली
एक साल के बाद भी मणिपुर हिंसा की आग में आज भी जल रहा है। आज भी वहां की स्थिति में कुछ खास परिवर्तन नहीं आया है। स्थिति जस की तस है। मणिपुर हिंसा की कई खौफनाक कहानियां अब भी देखने को मिल रही हैं। पिछले साल महिलाओं को निर्वस्त्र कर सरेआम उनकी परेड कराई गई थी। हिंसाग्रस्त राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बर्बरता बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में एक बार फिर महिलाओं के साथ बर्बरता देखी गई। ७ नवंबर को, जिरीबाम जिले के एक गांव में हथियारबंद हमलावरों ने एक घर में घुसकर तीन बच्चों की मां से हैवानियत की। ३१ वर्षीय आदिवासी महिला का बलात्कार करने से पहले उसे बुरी तरह टॉर्चर किया गया। उसके बाद हमलावरों ने उसे जिंदा जला दिया। अटॉप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि महिला के साथ हैवानियत भरा जैसा सलूक किया गया। मणिपुर जल रहा है और महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं लेकिन आज भी देश के पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह चुप्पी साधे हुए हैं। गौरतलब है कि महिला के पति ने जो एफआईआर दर्ज कराई, उसमें कहा गया है कि घर के भीतर `बेरहमी से हत्या’ किए जाने से पहले उसका बलात्कार किया गया था। महिला का शरीर ९९ प्रतिशत तक जल चुका था। हड्डियां तक राख बन गई थीं।