सामना संवाददाता / ग्वालियर
देशभर में सरकारी भर्तियों में हो रहे घोटालों के बीच सेना की ‘अग्निवीर योजना’ को लेकर मध्य प्रदेश में एक नया विवाद सामने आया है। कुछ अभ्यर्थियों ने अग्निवीर की भर्ती परीक्षा में ‘घोटाले’ का आरोप लगाते हुए कहा है कि सितंबर-नवंबर २०२२ में जबलपुर में हुई अग्निवीर की परीक्षा में उन्होंने ‘चयनित अभ्यर्थियों की सूची’ में आने वाले एक अभ्यर्थी से कहीं अधिक अंक हासिल किए थे, लेकिन इसके बावजूद उनका चयन नहीं हुआ।
विवाद इतना गहरा गया कि सतना निवासी अमन द्विवेदी समेत कई अभ्यर्थियों ने प्रदेश हाई कोर्ट में दिसंबर २०२२ में एक याचिका दायर की, जिनका उक्त भर्ती में चयन नहीं हुआ था। हाल ही में १ जुलाई को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सेना को निर्देश दिया कि वह जबलपुर में हुई अग्निवीर की भर्ती के दौरान चयनित हुए सभी अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्त अंकों की जानकारी १५ दिन के भीतर याचिकाकर्ताओं को दे। गौरतलब है कि इससे पहले सेना ने इन अंकों को तीसरे पक्ष से जुड़ी और निजी जानकारी बताकर देने से इनकार कर दिया था।