सामना संवाददाता / जयपुर
एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने 15 करोड़ रुपए कीमत का डोडा-चूरा पकड़ा है, जो चावल के बिल पर कंटेनर में 1,300 किलोमीटर दूर झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाके से तस्करी कर लाया जा रहा था। इनोवा गाड़ी से एस्कॉर्ट कर कंटेनर में भरे 7,003 किलो अफीम-डोडा चूरा को तस्करी कर जोधपुर ले जाया जा रहा था। पुलिस से बचने के लिए वाहनों पर ऑन ड्यूटी आर्मी का स्टिकर चिपका रखा था। पुलिस ने दोनों वाहनों को जब्त कर तीन तस्करों को अरेस्ट किया है।
अतिरिक्त महानिदेशक (एजीटीएफ) दिनेश एमएन ने बताया कि डोडा-चूरा तस्करी में आरोपी हेमराज उर्फ बबलू (47) पुत्र राधाकिशन बैरवा निवासी प्रकाश नगर नीलगंगा उज्जैन-मध्य प्रदेश, सोनू निशाद (35) पुत्र मांगीलाल बलाई और मनोज सिंह (32) पुत्र भगवान दास बैरवा निवासी अन्ना नगर गोविंदपुरा भोपाल-मध्य प्रदेश को अरेस्ट किया गया है। (एजीटीएफ) को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि 1,300 किलोमीटर दूर झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र से कुछ तस्कर राजस्थान के पश्चिमी जिलों में मादक पदार्थ की तस्करी कर रहे हैं। हेड कॉन्स्टेबल महेश कुमार सोमरा व महावीर सिंह को मादक पदार्थ तस्करी का इनपुट मिला।
सीआई राम सिंह नाथावत के नेतृत्व में टीम ने ग्राउंड लेवल पर मिली सूचना को डेवलप किया। मुखबिरों की सूचना पर दौसा जिले की डीएसटी और थाना मानपुर टीम के साथ संयुक्त नाकाबंदी करवाई गई। सूचना मिली थी कि महवा की तरफ आ रहे कर्नाटक नंबर 10 चक्का ट्रक कंटेनर में अवैध मादक पदार्थ डोडा-पोस्त भरा है, जिसे जयपुर होते हुए जोधपुर ले जाया जा रहा है। कंटेनर को मध्य प्रदेश नंबर की इनोवा गाड़ी एस्कॉर्ट कर रही है। पुलिस टीम के नाकाबंदी में रुकने का इशारा करने पर कंटेनर और इनोवा को छोड़कर तीनों आरोपी भागने लगे। टीम ने घेराबंदी कर तीनों को धर-दबोचा।
कंटेनर में 386 प्लास्टिक के कट्टे मिले, जिनमें 7,002 किलो 710 ग्राम अवैध मादक पदार्थ डोडा पोस्त डंठल मिला। पुलिस ने जब इसकी खरीद-फरोख्त के बारे में पूछा तो इनोवा ड्राइवर हेमराज उर्फ बबलू ने बताया कि 3 फरवरी की रात को रांची झारखंड में उन्हें यह अवैध मादक पदार्थ डोडा पोस्त से भरा कंटेनर जालाराम उर्फ जालजी ने रांची से जोधपुर में बालेसर पहुंचाने के लिए कह कर रवाना किया था। गाड़ी के रजिस्ट्रेशन व बीमा पॉलिसी की फोटो कॉपी वॉट्सऐप पर भेज खर्चे के लिए पैसे दिए। केबिन की तलाशी में मां दिवरी राइस मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के बिल व एमएस झारखंड-लुधियाना ट्रांसपोर्ट के बिल्टी की रसीद मिली। पुलिस से बचने के लिए तस्करों ने अपने वाहनों पर ऑन ड्यूटी आर्मी का स्टीकर लगा रखा था, जिससे उन्हें कोई रोके नहीं। कंटेनर में डोडा-चूरा से भरे कट्टों के नीचे कंकड़-रोड़ी की बड़ी परत बिछी थी, जिससे कि कांटे पर वजन सही आए।