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कैंसर डायग्नोसिस में एआई से क्रांतिकारी परिवर्तन

-तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज की ओर से कैंसर डायग्नॉस्टिक्स में नवीनतम प्रगति एवं नवाचार…उन्नति और भविष्य की दिशा पर सेमिनार

सामना संवाददाता / मुरादाबाद

दिल्ली यूनिवर्सिटी में दौलत राम कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र कुमार ने कहा कि कैंसर की सबसे घातक स्टेज-मेटास्टेसिस अब भी एक चुनौती बनी हुई है, लेकिन इम्यूनोथेरेपी और लक्षित उपचार के माध्यम से इसके प्रसार को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। एआई और जीन एडिटिंग तकनीकें कैंसर निदान को और सहज बना रही हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-एआई कैंसर निदान में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही है, जिससे ट्यूमर क्लासिफिकेशन और सटीक डायग्नोसिस संभव हो रहा है। सीआरआईएसपीआर तकनीक जीन एडिटिंग के माध्यम से कैंसर से संबंधित आनुवंशिक परिवर्तनों की पहचान में सहायक सिद्ध हो रही है। डॉ. कुमार ने कैंसर निदान की आधुनिक तकनीकों, शोध और उपचार विधियों पर भी गहनता से चर्चा की। डॉ. नरेंद्र तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज की ओर से कैंसर डायग्नॉस्टिक्स में नवीनतम प्रगति एवं नवाचारः उन्नति और भविष्य की दिशा पर आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। सेमिनार में एमएससी एमएलटी अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स- मुकुल तातरान, कामरान, सोनम यादव, मौ. आसिफ और सुशील पाल ने अपने-अपने पोस्टर की प्रेजेंटेशन भी दी। सेमिनार में बीएमएलटी द्वितीय वर्ष की वर्तिका और अन्य छात्रों ने प्रश्न किए और उनके उत्तर प्राप्त किए।
उल्लेखनीय है कि डॉ. नरेंद्र कुमार एम्स से पीएचडी और यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का मेडिकल सेंटर, यूएसए से पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप प्राप्तकर्ता हैं। वे अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रों के लेखक हैं। एनआईएच, यूएसए की फोगार्टी फेलोशिप सहित कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। इससे पूर्व मुख्य अतिथि डॉ. नरेंद्र कुमार, कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंस के प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार, एमएलटी की एचओडी डॉ. रूचि कांत, श्री बैजनाथ दास आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संगोष्ठी में मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी के 150 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। सेमिनार में फैकल्टीज शिवमोहन सिंह, वर्षा राजपूत, साक्षी बिष्ट, सौरभ सिंह, शिवम अग्रवाल, योगेश कुमार आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रही। संचालन एमएससी-एमएलटी प्रथम वर्ष की छात्रा पलक जैन और बीएमएलटी अंतिम वर्ष की छात्रा आयशा फातिमा ने किया।

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