मनपा ने शुरू की अनोखी पहल
सामना संवाददाता / मुंबई
कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी `एआई’ आधारित हैंडहेल्ड एक्स-रे उपकरण का उपयोग टीबी रोगियों का पता लगाने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही इस तकनीक से महज तीन मिनट में ही जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। इससे मरीजों का एक्स-रे निकालने में लगने वाला समय बचेगा और घर-घर जाकर जांच करना संभव होगा। मुंबई मनपा की पहल के तहत स्वास्थ्य विभाग को कुल २४ उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, जिनमें से तीन विभागों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इनका उपयोग शुरू कर दिया गया है।
मुंबई में अब भी टीबी रोग की समस्या बनी हुई है। मरीजों की संख्या कम करने के लिए मनपा ने पहली बार यह परियोजना शुरू की है। केंद्रीय टीबी रोग विभाग और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार, मनपा के विभिन्न क्षेत्रों में सात दिसंबर २०२४ से २४ मार्च २०२५ तक १०० दिनों की विशेष मुहिम चलाई गई। इसका उद्देश्य टीबी रोगियों की शीघ्र पहचान कर होने वाली मृत्यु दर को कम करना और नए रोगियों की संख्या घटाना है। इस अभियान के तहत १५ लाख से अधिक उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया गया और संभावित रोगियों की जांच की गई। ६१,००० के नैट परीक्षण किए गए और रोगियों की जांच के लिए मोबाइल एक्स-रे वैन तैनात की गई है। मनपा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से टीबी रोग के संभावित रोगियों की शीघ्र पहचान और अलग से परीक्षण संभव होगा।
टीबी रोगियों तक पहुंचना होगा आसान
एआई आधारित हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीन के उपयोग से टीबी रोगियों तक घर-घर पहुंचना आसान होगा, जिससे जांच प्रक्रिया तेज और अधिक प्रभावी बनेगी। इस उपकरण से टीबी रोग की जांच की पूरी प्रक्रिया मात्र तीन मिनट में पूरी हो सकेगी।