दक्षिण कोरिया विमान हादसे के बाद मुंबई, दिल्ली जैसे बड़े शहरों के हवाई यात्री सहमे
सामना संवाददाता / मुंबई
दक्षिण कोरिया में हुए विमान हादसे के बाद मुंबई व दिल्ली जैसे बड़े शहरों के विमान यात्रीे सहम गए हैं। ऐसे में विमान में होनेवाली तकनीकी खामियों पर चर्चा शुरू हो गई है। इस बारे में छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए विमानन महानिदेशालय तमाम तरह के निर्देश देता और उसके पालन के लिए विमानन कंपनियों पर सख्ती बरतता है। लेकिन कई बार विमानन कंपनियां काफी चेतावनी के बाद भी विमानों के मेंटेनेंस में कोताही करती हैं।
गौरतलब है कि विमान के खराब मेंटेनेंस और तकनीकी गड़बड़ियों के चलते दोषी पाए गए एयर इंडिया और एयर एशिया जैसी कंपनियों के प्रमुख लोगों पर डीजीसीए कार्रवाई कर चुकी है। दुर्घटना के दौरान एयरपोर्ट पर सुरक्षा और बचाव अभियान के लिए विभाग पूरी तरह तैयार रहता है। छत्रपति शिवाजी महाराज एयरपोर्ट अथॉरिटी की प्रवक्ता टीम ने बताया कि कोरिया की घटना जैसी स्थिति यहां संभव नहीं है फिर भी हमारे पास बचाव कार्य के लिए पर्याप्त प्रबंधन व्यवस्था है।
२५ वर्षों में १,४०७ हादसे
गत २५ वर्षों के बीच कुल १,४०७ विमान हादसे हुए हैं। इसमें कुल ८,००० से अधिक मौतें हुई हैं। २०१९ से २०२३ के बीच औसतन ३८ दुर्घटनाएं प्रति वर्ष हुई हैं। इनमें हर साल करीब १४६ मौतें हुई। भारत में भी लगभग एक हजार लोगों की मौत विमान दुर्घटना में हुई है।
सबसे बड़ा हादसा
देश के विमानन इतिहास में कनिष्क विमान दुर्घटना सबसे बड़ा हादसा है। २३ जून, १९८५ को एयर इंडिया का कनिष्क विमान लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने से ४५ मिनट पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार सभी ३२९ लोग मारे गए थे। इनमें से ज्यादातर लोग हिंदुस्थानी मूल के कनाडाई थे।
पक्षियों से खतरा
विमानों को सबसे ज्यादा खतरा पक्षियों से टकराने पर होता है। हालांकि, इन दिनों एयरपोर्ट के आसपास से पक्षियों को भगाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। फिर भी सामान्य चूक से विमान दुर्घटना का शिकार हो जा रहे हैं। एक दिन पहले दक्षिण कोरिया में हुआ विमान हादसा इसी का उदाहरण है।
टेकऑफ से पहले और लैंडिंग के बाद विमानों की होती है नियमित जांच!
पायलट और क्रू को नियमित रूप से सुरक्षा प्रशिक्षण देना, सिमुलेटर और लाइव ड्रिल के माध्यम से आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार करना आदि किया जाता है।
भारत में विमान कंपनियां विमानों के रखरखाव को लेकर कड़े कदम उठाती हैं, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हर टेकऑफ से पहले और लैंडिंग के बाद विमान की तकनीकी जांच की जाती है। इंजीनियर विमान के इंजन, हाइड्रॉलिक सिस्टम, ब्रेक और अन्य मामलों की जांच करते हैं। वायु यातायात नियंत्रण सेवा विभाग की ओर से विमान के सुरक्षित टेकऑफ, लैंडिंग और उड़ान संचालन की निगरानी की जाती है। आधुनिक रडार और तकनीक का उपयोग किया जाता है।
लापरवाही पर हुई कार्रवाई
सितंबर २०२३ में डीजीसीए ने सुरक्षा प्रक्रियाओं में खामियों के लिए एयर इंडिया के सुरक्षा प्रमुख राजीव गुप्ता को एक महीने के लिए निलंबित किया था। इसी तरह अगस्त २०२० में डीजीसीए ने एयर एशिया इंडिया के परिचालन प्रमुख मनीष उप्पल और फ्लाइट सेफ्टी प्रमुख मुकेश नेमा को तीन महीने के लिए निलंबित किया। जुलाई २०१९ में डीजीसीए ने स्पाइसजेट के चार वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
कोरिया में क्यों हुआ विमान हादसा?
संचार रिकॉर्ड के उनके शुरुआती आकलन से पता चला कि हवाई अड्डे के नियंत्रण टॉवर ने विमान को उतरने से कुछ समय पहले पक्षियों के टकराने की चेतावनी जारी की और पायलट को एक अलग क्षेत्र में उतरने की अनुमति दी। पायलट ने दुर्घटना से पहले संकट संकेत भेजा था। लैंडिंग के समय विमान का गेयर बॉक्स नहीं खुला और हादसा हो गया।