महाराष्ट्र राज्य ठेकेदार संघ ने दी काम बंद करने की चेतावनी
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में महायुति की तिकड़ी ने दूसरी बार सत्ता पाने के लिए दिल खोलकर राजकोष से धन लुटाया है। वोटों के लालच के लिए क्षमता से परे जाकर तमाम योजनाओं को शुरू किया। लाडली ‘बहन’ हो या ‘लाडला भाऊ’ योजना, सरकार ने आंखें बंद कर सरकारी खजाने को खाली किया है। इसका परिणाम है कि पिछले कई महीनों से राज्य के हजारों ठेकेदारों के बिल का भुगतान नहीं हुआ है। मौजूदा समय में सरकार के पास ठेकेदारों के लगभग दो लाख करोड़ रुपए के बिल रुके हुए हैं। ऐसे में ठेकेदारों ने कल से काम बंद करने की चेतावनी दे दी है। इससे महाराष्ट्र में कई ‘प्रोजेक्ट’ बंद हो जानेवाले हैं।
इंजीनियर भी हैं नाराज
सरकार के पास पैसे नहीं होने की वजह से उनका भुगतान नहीं हो पा रहा हैं। राज्य के ठेकेदारों और इंजीनियरों ने इस मामले में नाराजगी व्यक्त की है। वे पिछले कई महीनों से सरकार को बकाया भुगतान करने के लिए कह रहे हैं।
कर्मचारियों के वेतन पर संकट
हालात यहां तक आ गई है कि अब सरकार के पास राज्य के कर्मचारियों के वेतन देने से लेकर आर्थिक तंगी के चलते तमाम योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। सरकार के हाथ इतने बंध गए हैं कि वह राज्य में शुरू तमाम विकास परियोजनाओं को पूरा करने में जुटे ठेकेदारों को ही भुगतान नहीं कर पा रही है।
कंपनियों की आर्थिक हालत खराब
पिछले कई महीने से भुगतान न होने से परियोजनाओं का निर्माण करनेवाली इन कंपनियों की आर्थिक स्थिति खस्ता हो चुकी है। तंग आकर अब ठेकेदार कल ५ फरवरी से सभी परियोजनाओं पर काम बंद करने जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, यह बकाया भुगतान जुलाई २०२४ से अटका हुआ है।
पहले करो भुगतान
फिर होगा काम!
३ लाख ठेकेदारों ने दिया अल्टीमेटम ‘ईडी’ २.० का खजाना है खाली
महाराष्ट्र में बकाया भुगतान न कर पाने की स्थिति में ठेकेदारों ने काम बंद करने का अल्टीमेटम दिया है। बताया जाता है कि सरकार के पास विभिन्न ठेकेदारों के करीब दो लाख रुपए बकाया हैं। जानकारी के अनुसार, पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट से ४६,००० करोड़ रुपए, जल जीवन मिशन के तहत, १८,००० करोड़ रुपए, ग्रामीण विकास विभाग से ८६,००० करोड़ रुपए, सिंचाई विभाग से १९,७०० करोड़ रुपए और विभिन्न सरकारी फंड्स से २,७०० करोड़ रुपए का भुगतान लंबित है।
महाराष्ट्र राज्य ठेकेदार संघ ने १४ जनवरी २०२५ को सरकार को एक पत्र भेजकर इन लंबित बकाए का शीघ्र भुगतान करने की मांग की थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ३० जनवरी को फिर से एक पत्र भेजा गया, जिसमें ५ फरवरी से काम बंद करने की चेतावनी दी गई है।
वित्त विभाग ने दिया आश्वासन
बताया जा रहा है कि वित्त विभाग ने जल्द भुगतान का आश्वासन दिया है, लेकिन ठेकेदार संघ ने इसे असंतोषजनक बताते हुए गहरी चिंता जताई है।
रोहित पवार की टिप्पणी
एनसीपी (शरदचंद्र पवार) नेता रोहित पवार ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक ओर सरकार चुनाव से पहले महाराष्ट्र अब नहीं रुकेगा’ जैसे बड़े वादे करती थी, वहीं दूसरी ओर बुनियादी सुविधाओं के लिए काम करनेवाले ठेकेदारों का भुगतान कई महीनों से अटका हुआ है। यह राज्य सरकार की खोखली कार्यप्रणाली को दर्शाता है, जिसमें लोकलुभावन घोषणाओं के बावजूद सरकार वित्तीय संकट का सामना कर रही है।