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बब्बा बोलो ना…

अरुण गुप्ता

लोकसभा चुनाव में उतरे उम्मीदवार हर हाल में चुनाव जीतना चाहते हैं। इसके लिए वे तरह-तरह के हथकंडे भी अपना रहे हैं। इन हथकंडों से भले ही आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो, इसकी परवाह उन्हें नहीं है और परवाह भी क्यों करें? क्योंकि चुनाव आयोग जो मेहरबान है। वाकया उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे भाजपा उम्मीदवार कृपाशंकर सिंह से जुड़ा हुआ है। यहां शाहगंज थाना क्षेत्र के ताखा पश्चिम कंपोजिट विद्यालय में भाजपा गठबंधन और निषाद राज पार्टी के विधायक रमेश और लोकसभा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह जाकर आचार संहिता का उल्लंघन करते नजर आए। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि विधायक जी बच्चों से पूछ रहे हैं कि उनके घरवाले किसको वोट देंगे, साथ ही वो बच्चों से यह भी कह रहे हैं मोदी को वोट करो…। वहीं जिला अधिकारी ने वीडियो को संज्ञान में लेकर कार्रवाई की बात कही है। लेकिन यहां यह कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही है, `अल्लाह मेहरबान तो…पहलवान।’ इसके पहले भी समाज विकास क्रांति पार्टी के मुखिया और उम्मीदवार अशोक सिंह आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत कर चुके हैं लेकिन कृपाशंकर सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में वैâसे उम्मीद की जाए कि चुनाव आयोग उन पर कार्रवाई करेगा।
जब भाग खड़ा हुए ओपी राजभर
एक पुरानी कहावत है कि कोई भी बात हमेशा सोच-समझकर करनी चाहिए, नहीं तो गले की फांस बनने में देरी नहीं लगती है। दरअसल, पूरा मामला उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित सीट घोसी लोकसभा का है, जहां से भाजपा गठबंधन के सहयोगी दल सुभासपा प्रमुख के बेटे अरविंद राजभर मैदान में हैं। बेटे अरविंद राजभर को जिताने के लिए ओम प्रकाश राजभर हर एक चुनावी पैंतरा आजमाते हुए देखे जा रहे हैं। चाहे प्रधानों को मीटिंग के बहाने अपने पाले में करने की जोर आजमाइश हो या फिर जनता के बीच अपने पूर्व में दिए गए बयानों पर माफीनामा हो। ओमप्रकाश राजभर अपने बेटे के लिए एक जनसभा को संबोधित करने चिरैयाकोट जा रहे थे कि बीच रास्ते में ही कुछ युवाओं ने उनका काफिला रोक लिया और कुछ चंद सवाल क्या खड़े कर दिए। इस पर ओमप्रकाश राजभर ने उनको बकायदा समाजवादी पार्टी का एजेंट ही घोषित कर दिया। भीड़ में सम्मिलित युवाओं ने ओम प्रकाश राजभर से रोजगार को लेकर चर्चा की, लेकिन बात हाथ से निकलती देख राजभर तुरंत वहां से रफूचक्कर हो गए। विपक्ष में रहने के दौरान ओम प्रकाश राजभर ने अपने बयानों में एक तरफ जहां योगी को मठ भेजने का दावा किया था, वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं को वोट मांगने पर दौड़ाकर मारने की अपील भी जनता से की थी। अब यही बयान ओपी राजभर के गले की फांस बन रहे हैं।
गोरखपुर में बाहरी बनाम स्थानीय
उत्तर प्रदेश की गोरखपुर लोकसभा सीट पर लंबे इंतजार के बाद बसपा ने प्रत्याशी का एलान कर दिया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने छात्र राजनीति से बसपा का झंडा लेकर चलने वाले जावेद सिमनानी पर भरोसा जताया है। जावेद सिमनानी ने टिकट मिलने पर बसपा सुप्रीमो मायावती का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि जनता जानती है कि वह गोरखपुर के बेटे हैं। जनता और गोरखपुर के बेटे के बीच में किसी तीसरे की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में पूरे दमखम के साथ लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे। जनता बाहर के प्रत्याशियों को इस बार नहीं जिताने वाली है। भाजपा प्रत्याशी रवि किशन शुक्ला और सपा प्रत्याशी काजल निषाद दोनों बाहर के हैं। गोरखपुर की जनता यह अच्छी तरह जानती है और यही वजह है कि जनता उन्हें पूरी तरह से इस बार के चुनाव में नकार देगी। बसपा की इस चाल से भाजपा नेताओं की टेंशन बढ़ गई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि योगी बाबा अपने गढ़ को बचाने में वैâसे कामयाब होते हैं।

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