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अंबरनाथ में अवैध विद्यालय मामले पर गट शिक्षण अधिकारी पर आरोप, राष्ट्रवादी पार्टी ने की कार्रवाई की मांग

अनिल मिश्र / अंबरनाथ

 बदलापुर क्षेत्र में हाल ही में एक स्कूल में एक शिक्षक द्वारा छात्रा का विनयभंग करने का मामला सामने आया है, जिसके बाद यह भी खुलासा हुआ कि यह विद्यालय पहली कक्षा तक मान्यता प्राप्त था, लेकिन इसके बावजूद दसवीं तक छात्रों को पढ़ाया जा रहा था। इस विद्यालय के अवैध रूप से संचालन को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं और बताया जा रहा है कि इस विद्यालय में अंबरनाथ पंचायत समिति के गट शिक्षण अधिकारी के भाई को सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था।

राष्ट्रवादी शरदचंद्र पवार पक्ष के प्रदेश महासचिव अविनाश देशमुख ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और सरकार से मांग की है कि गट शिक्षण अधिकारी आर. डी. जतकर को उनके पद से हटा दिया जाए। देशमुख ने अंबरनाथ के गट शिक्षण अधिकारी के कार्यालय में अनोखा विरोध प्रदर्शन किया,  उन्होंने शिक्षण अधिकारी के अनुपस्थित रहने पर उनकी कुर्सी पर नोटों की माला चढ़ाई और अधिकारियों की जवाबदेही पर सवाल उठाए।

इस मामले में राज्य के बाल हक्क संरक्षण आयोग के सदस्यों ने विद्यालय का दौरा किया और उसे ताला लगाकर बंद कर दिया। इसके साथ ही छात्रों को अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित किया गया। देशमुख ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से न केवल बच्चों के मन में घृणा पैदा हो रही है, बल्कि शहर की छवि भी खराब हो रही है।

अविनाश देशमुख ने गट शिक्षण अधिकारी आर. डी. जतकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और शिक्षण मंत्री से अपील की है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि बाल सुरक्षा सतर्कता नियमों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है।

गट शिक्षण अधिकारी से इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क स्थापित नहीं हो सका। मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।

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