कहते हैं कि इस दुनिया में एक मां ही होती है जो अपने बच्चों को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करती है। बच्चों की सलामती के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर देती है। लेकिन बिहार के सहरसा जिले में घटी एक घटनाा ने एक बार फिर मां की ममता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, सहरसा जिले के सराही मोहल्ला में मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। बुधवार सुबह सराही मोहल्ला स्थित मोबाइल टॉवर के पास एक पॉलिथीन में बंद नवजात शिशु फेंका हुआ मिला। ठंड से कांपते इस नवजात को स्थानीय युवकों ने साहस दिखाते हुए अस्पताल पहुंचाया। इस घटना ने लोगों को झकझोर दिया है और समाज में बढ़ती संवेदनहीनता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस तरह लोगों के मन में कई सवाल खड़े हुए हैं ठीक वैसे ही सवाल शायद उस मासूम नवजाात के मन में भी उठे होंगे कि मां, क्या मैं इतना बुरा हूं कि आप मुझे यूं मरने के लिए छोड़ गईं…!
मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले स्थानीय लोगों ने झाड़ी से बच्चे के रोने की आवाज सुनी। हालांकि, कोई भी वहां जाने का साहस नहीं कर रहा था। इसी बीच शशि नामक एक युवक आगे बढ़ा और झाड़ी से पॉलिथीन निकालकर देखा तो उसमें एक नवजात लड़का था। ठंड से कांपते इस बच्चे को तुरंत कपड़े में लपेटा गया। इसके बाद शशि ने अपने मित्र को सूचना दी। दोस्त ने मौके पर पहुंचकर नवजात को सहरसा सदर अस्पताल के गहन नवजात शिशु केंद्र में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज शुरू किया गया। नवजात मिलने के बाद स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर रोष और गहरी चर्चा शुरू हो गई। लोगों ने सवाल किया कि कोई मां जिसने नौ महीने तक बच्चे को गर्भ में रखा, कैसे इतनी निर्दयी हो सकती है?