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सरकार के मंत्री जयकुमार गोरे का गजब कारनामा : मृत को जिंदा बताकर हड़प ली जमीन! …रोहित पवार का बड़ा खुलासा

हाई कोर्ट ने लिया एक्शन
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के ग्रामविकास मंत्री और बीजेपी नेता जयकुमार गोरे एक बार फिर विवादों में हैं। सातारा की एक महिला ने २०१६ में उन पर छेड़छाड़ और अश्लील फोटो भेजने का गंभीर आरोप लगाया था, जिससे वे सुर्खियों में आए थे। अब उसी महिला को १ करोड़ की फिरौती लेते हुए पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसी मामले को लेकर जब राजनीतिक चर्चाएं गरम थीं, तब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पवार ने जयकुमार गोरे पर एक और गंभीर आरोप लगाया है। रोहित पवार ने दावा किया है कि जयकुमार गोरे ने सातारा के एक कॉलेज के रास्ते के लिए जमीन हड़पने की साजिश रची। इस प्रकरण में उन्होंने एक मृत व्यक्ति को ‘जिंदा’ दिखाकर उसकी जमीन अपने नाम करवा ली।
पिराजी भिसे नामक व्यक्ति की ८ अक्टूबर २०१६ को मृत्यु हो गई थी, जिसका मृत्यु प्रमाणपत्र भी मौजूद है। फिर भी ११ दिसंबर २०२० को उनके नाम से एक करारनामा किया गया।
रोहित पवार के अनुसार, इस सौदे में संजय काटकर की फोटो लगाकर भिसे के रूप में पेश किया गया। पिराजी भिसे अशिक्षित थे, लेकिन करारनामे पर उनके हस्ताक्षर अंग्रेजी में दिखाए गए हैं। इसके बाद यह मामला कोर्ट में गया। निचली अदालत ने एक दिन में पैâसला सुना दिया, लेकिन जब मामला हाई कोर्ट गया तो जज ने निचली अदालत के न्यायाधीश को डिमोट कर दिया।

रोहित पवार ने यह भी आरोप लगाया कि जयकुमार गोरे ने कॉलेज पर भी कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि मविआ सरकार के समय शुरू की गई कोरोना राहत योजनाओं का भी गोरे ने गलत फायदा उठाया। पहली लहर में मृत पिराजी भिसे को दूसरी लहर में ‘जिंदा’ दिखाकर योजना का लाभ लिया गया।

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