धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मुंबई मनपा के केईएम अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने कमाल कर दिया है। डॉक्टरों की टीम ने हाल ही में एक मरीज का हार्ट ट्रांसप्लांट करके नया जीवनदान दिया है। केईएम अस्पताल में पहली बार इस तरह की क्लिस्ट और चुनौतीपूर्ण सर्जरी हुई है। साथ ही इस तरह की चुनौतीपूर्ण सर्जरी करनेवाला देश में पहला मनपा अस्पताल बन गया है। केईएम अस्पताल में दिल और लीवर प्रत्यारोपण उपक्रम भी चलाया जा रहा है।
४५ साल बाद फिर से हुआ हार्ट ट्रांसप्लांट
साल १९६८ में देश का पहला हृदय प्रत्यारोपण केईएम अस्पताल में हुआ था। यह प्रत्यारोपण तत्कालीन डॉ पी.के.सेन ने की थी। हालांकि, किसी कारणवश प्रत्यारोपण के बाद मरीज सर्वाइव नहीं कर सका और उसकी मौत हो गई। इस बीच पाया गया कि संसाधनों की कमी के कारण इसमें सफलता नहीं मिली। करीब ४५ साल बाद केईएम में फिर से हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी हाल ही में हुई। फिलहाल, सर्जरी से पहले चिकित्सकीय टीम को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना जरूरी समझा गया। इसलिए अतिरिक्त आयुक्त डॉ. सुधाकर शिंदे ने सबसे पहले पूरे स्वास्थ्य विभाग को विश्वास में लिया, फिर उपक्रम के लिए प्रोत्साहन दिया। केईएम में हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी कार्यक्रम शुरू करने के लिए कदम उठाए गए। १५ अक्टूबर २०२३ को प्रशासन को इसके लिए प्रोविजनल लाइसेंस मिल गया। इसके बाद हार्ट सर्जरी के लिए जरूरी उपकरण और सामग्री खरीदी गई। इसके लिए ४० से अधिक बैठकें की गईं।
इस तरह मिली सफलता
अत्यधिक जटिल हृदय सर्जरी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए हृदय प्रत्यारोपण की पहल शुरू करने के लिए विशेषज्ञ और अनुभवी चिकित्सा टीम की आवश्यकता थी। इसके लिए डॉ. प्रवीण कुलकर्णी को नियुक्त किया गया। केईएम अस्पताल में हृदय प्रत्यारोपण कार्यक्रम शुरू हो गया। इस बीच अस्पताल में भर्ती मरीज लंबे समय से हृदय रोग से पीड़ित था। उसकी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उनके पास हृदय प्रत्यारोपण ही एकमात्र विकल्प था। सौभाग्य से जैसे ही एक अंगदाता मिलते ही हृदय प्रत्यारोपण करने का निर्णय लिया गया। प्रत्यारोपण प्रक्रिया की जटिलता को ध्यान में रखते हुए रोगी को उचित परामर्श दिया गया। इसके बद सर्जरी की गई, जिसमें सफलता मिली।
३५ लाख रुपए आता है खर्च
निजी अस्पताल में हृदय प्रत्यारोपण की लागत आमतौर पर लगभग ३५ लाख रुपए होती है। हालांकि, मनपा अस्पताल में इसकी लागत ८ लाख रुपए होने का अनुमान लगाया है। मनपा की पहल पर इस व्यय को महात्मा फुले जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री सहायता निधि और प्रधानमंत्री सहायता निधि के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है।