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भाजपा के राज में गजब कारभार … दस साल से हाईस्कूल में चल रहा इंटर कॉलेज!

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के साथ विकास के दावे धरातल पर खोखले साबित हो रहे हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार भले लाख दावे करे, लेकिन शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है। जिसका एक उदाहरण पूर्व पर्वतीय विकास मंत्री स्वर्गीय सोबन सिंह जीना के पैतृक गांव में सुनौली इंटर कॉलेज है। इंटर कॉलेज की मान्यता के १० साल बाद भी इस इंटर कॉलेज की इमारत नहीं बन सकी है। इंटर कॉलेज की कक्षाएं पिछले ११ साल से जूनियर हाईस्कूल के भवन में संचालित की जा रही हैं। स्थिति यह है कि महज छह कमरों में ११ कक्षाएं संचालित होती हैं। उत्तराखंड में कमोबेश यही हालत हर जिले के कई स्कूलों की मिल जाएगी।
पूर्व पर्वतीय विकास मंत्री स्व. जीना ने बतौर जिला परिषद सदस्य पर्वतीय क्षेत्रों में कई विद्यालय स्थापित कराए, मगर आज उनके पैतृक गांव सुनौली में संचालित इंटर कॉलेज की सुध लेने वाला कोई नहीं है। सुनौली में वर्ष २०१४ में जूनियर हाईस्कूल का उच्चीकरण कर इसे इंटर कॉलेज की मान्यता प्रदान की गई। धीरे-धीरे १० साल बीत गए, पर इंटर कॉलेज का अपना भवन अब तक नहीं बन सका है। इंटर की कक्षाओं का संचालन जूनियर हाईस्कूल के भवन में हो रहा है। सिर्फ छह कक्षों में छह से १२वीं तक की ११ कक्षाओं का संचालन करना विद्यालय प्रबंधन के लिए चुनौती बना हुआ है। पूर्व पर्वतीय विकास मंत्री के पैतृक गांव में इंटर कॉलेज का भवन न बनना शिक्षा विभाग और शासन-प्रशासन पर भी बड़ा प्रश्नचिह्न है। इस विद्यालय में १२० से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। पर्याप्त जगह न होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बेहतर ढंग से नहीं हो पा रही है।
गणित विषय का नहीं मिल रहा ज्ञान
जीआईसी सुनौली में इंटर की कक्षाओं में में गणित विषय की स्वीकृत नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों को गणित की पढ़ाई करने के लिए छह से सात किमी दूर भकुना के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इंटर कॉलेज सुनौली के भवन के निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति के बाद भी इसका निर्माण होना संभव है। गणित विषय के संचालन के लिए भी भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति का इंतजार है।

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