मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
सुल्तानपुर में हुए मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर अभी राजनीति थमी भी नहीं थी कि मैनपुरी के हिस्ट्रीशीटर को पैर में लगी गोली के बाद यूपी पुलिस पर आरोप लग रहे हैं। सुल्तानपुर के एनकाउंटर पर उबल पड़े अखिलेश के घर करहल के यादव युवक को गोली लगने के बाद मां के बयान से तूफान उठ गया है। मैनपुरी के बरनाहल थाना क्षेत्र निवासी हिस्ट्रीशीटर की मां ने फिरोजाबाद पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जम कर वायरल हो रहा है।
विधानसभा करहल क्षेत्र के सलूकनगर गांव निवासी हिस्ट्रीशीटर गौरव यादव को फिरोजाबाद पुलिस ने नगला खंगर थाना क्षेत्र में 29 अगस्त को मुठभेड़ दिखाकर गिरफ्तार किया था। इसमें गौरव और उसके साथी नगला खुशाली निवासी शरीफ को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों के पैर में गोली लगी थी। उन पर चार अगस्त को सिरसागंज के व्यापारी राजेश जैन से सात लाख रुपये की लूट करने का आरोप है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने लुटेरों की पहचान की थी। हिस्ट्रीशीटर गौरव यादव की मां मिथिलेश देवी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उनका कहना है कि पुलिस उनके बेटे को आठ दिन पहले 21 अगस्त को उठाकर ले गई थी। इसके बाद से लगातार वे पुलिस के संपर्क में थीं।
उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनके बेटे को कुछ नहीं करेंगे। इसके एवज में एक पुलिसकर्मी पर उन्होंने 1.80 लाख रुपए की रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि आठ दिन बाद पुलिस ने उनके बेटे को गोली मार दी। उन्होंने मामले में न्याय किए जाने की मांग की है। मामला सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के क्षेत्र का होने का चलते चर्चा जोरों पर है। मिथिलेश देवी का आरोप है कि फिरोजाबाद पुलिस ने आठ दिन उसके बेटे से नहीं मिलने दिए थे। बाद में फर्जी एनकाउंटर के बाद जब जेल में वह अपने बेटे से मिलीं तो उसने पूरी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि गौरव ने बताया कि पुलिस ने उसे थाने में उल्टा लटकाया। आंखों पर पट्टी बांधने के बाद पैर में गोली मार दी। मिथिलेश देवी का कहना है कि जिन लूट का आरोप उनके बेटे पर उस घटना के दिन वह दिल्ली में था। जल्द ही वे इसका साक्ष्य भी देंगी।
इस संदर्भ में एसएसपी मैनपुरी सौरभ दीक्षित ने दोपहर का सामना को बताया कि गौरव यादव का लंबा आपराधिक इतिहास है। उस पर 14 मुकदमे दर्ज हैं। वीडियो में गौरव की मां द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। अपराधी के बचाव में किए जा रहे कुत्सित प्रयास का ये परिणाम है।