उस त्याग का मान रखो, जितनी सीटें दे रहे हैं, उसी में संतोष करो
सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा ने अपनी फितरत के अनुसार, अब महायुति में अपने सहयोगी दलों को झटके देना शुरू कर दिया है। पहले अजीत पवार गुट को कमजोर किया, अब शिंदे को दबाने की साजिश शुरू कर दी है। एकनाथ शिंदे को दबाने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इमोशनल गेम खेला है। सूत्रों की मानें तो शाह ने शिंदे से कहा कि वैâसे सीने पर पत्थर रखकर तुम्हें मुख्यमंत्री बनाया है। अब वक्त आ गया है कि तुम उस एहसान के बदले हमारी बात मान लो। शाह ने शिंदे को महायुति में सीट बंटवारे में कम सीटों पर ही संतोष करने को कहा है। शाह ने कहा कि तुम्हें मुख्यमंत्री बनाते समय हमने बहुत बड़ा त्याग किया है, अब उस त्याग का सम्मान करते हुए हम जो सीटें दे रहे हैं, उसे स्वीकार करो। सीट बंटवारे की चर्चा में तुम्हें सहयोगी दलों को ज्यादा प्राथमिकता देनी चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में महायुति के बीच सीट बंटवारे की चर्चा चल रही है, महायुति के अंदर सीट बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों के बीच खींचतान चल रही है। एकनाथ शिंदे अपनी पार्टी के लिए अधिकतम सीटें लेने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने यह बात एकनाथ शिंदे से ५० सीटों पर ही सब्र करने का सुझाव दिया। एकनाथ शिंदे ८० सीटें मांग रहे हैं, वहीं अजीत पवार ६०-७० सीटों का दावा कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा के पास १४० से १५० सीटें ही बचेंगी, इससे भाजपा के लोग टेंशन में हैं।
अमित शाह ने क्या कहा?
महायुति में सीट बंटवारे को लेकर उलझे पेच को देखते हुए भाजपा नेता अमित शाह ने खुद सीट बंटवारे में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने कहा कि शिंदे जी, देश में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और प्रांत के तीन ही पद महत्वपूर्ण हैं। हमने आपको मुख्यमंत्री पद दिया। आपके लिए हमें त्याग करना पड़ा। इसलिए सीट बंटवारे में सहयोगी दलों को ज्यादा प्राथमिकता दें।