मुख्यपृष्ठराजनीतिइस्तीफा की घोषणा कर छगन भुजबल ने फोड़ा ‘सियासी बम'

इस्तीफा की घोषणा कर छगन भुजबल ने फोड़ा ‘सियासी बम’

-कहा- तीन महीने पहले ही दिया था इस्तीफा, लेकिन चुप था 

-देवेंद्र फडणवीस बोले- इस्तीफा नहीं हुआ हैै स्वीकार

सामना संवाददाता / मुंबई

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) से अलग होकर अजीत पवार गुट में शामिल होने वाले मंत्री छगन भुजबल ने इस्तीफे की घोषणा करके महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी बम फोड़ दिया है। उन्होंने एक रैली में लोगों को संबोधित करते हुए अपने  इस्तीफे की घोषणा की और कहा कि मैंने खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री के पद से इस्तीफा दो महीने पहले १६ नवंबर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंप दिया था। जब मराठा आरक्षण मुद्दे पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन चरम पर था, लेकिन इस पर मैंने चुप रहना ही बेहतर समझा। हालांकि गृह मंत्री और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अभी तक छगन भुजबल का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। भुजबल ने रैली में सत्तारूढ़ महायुति सरकार और जरांगेपाटील पर भी तंज कसा। उन्होंने दोहराया कि वह मराठों के लिए आरक्षण की मांग पूरी करवाने के लिए ओबीसी कोटा के मामले में कोई अन्याय नहीं होने देंगे। बता दें कि ओबीसी समाज में अपनी खास पैठ रखने के लिए मशहूर छगन भुजबल ने अपना इस्तीफा ऐसे समय में दिया है जब मराठा आंदोलन को लेकर काफी चर्चा हो रही है। हालांकि, मराठा आंदोलन २७ जनवरी को समाप्त हो चुका है लेकिन १० फरवरी से फिर से शुरू हो सकता है।
क्या कहा भुजबल ने?
नगर में एक रैली को संबोधित करते हुए छगन भुजबल ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के साथ उन्हें इस मामले पर चर्चा करने के लिए बुलाया था। भुजबल ने कहा कि उनका त्याग पत्र अभी भी शिंदे के पास है, लेकिन अब वह समाज के हित में और ओबीसी को न्याय सुनिश्चित करने के बड़े उद्देश्य के लिए येओला (नासिक) से विधायक पद छोड़ने की योजना बना रहे हैं।
‘भुजबल का इस्तीफा नहीं किया गया स्वीकार’
वहीं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि छगन भुजबल का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही इस पर स्पष्टीकरण दे पाएंगे।
संजय राऊत ने बताया बेकार की बात
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता और सांसद संजय राऊत ने भुजबल के इस खुलासे को ‘बेकार की बात’ करार दिया। संजय राऊत ने कहा कि ऐसा बताया जा रहा है कि कार्यकता मनोज जरांगे के जरिये मराठा आरक्षण आंदोलन चलाने और उस आंदोलन के खिलाफ भुजबल के गुस्से के पीछे देवेंद्र फडणवीस का हाथ है। दोनों मिले हुए हैं और एकमत हैैं। ‘मैं इस्तीफा दे दूंगा लेकिन आप इसे स्वीकार नहीं करेंगे’ या ‘आप इस्तीफा दे देंगे लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।’ राऊत ने पूछा कि भुजबल का इस्तीफा स्वीकार करने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है या उपमुख्यमंत्री फडणवीस के पास।

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