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मोदी सरकार की एक और नाकामी : १० वर्षों में हुईं १५ लाख मौतें

सड़क हादसों में कई देशों से आगे है हिंदुस्थान

सामना संवाददाता / नई दिल्ली 
मोदी सरकार की एक और उपलब्धि सामने आई है। मोदी सरकार के कार्यकाल में सड़क हादसों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष २०१४ से लेकर २०२३ तक के बीच सड़क हादसों में लगभग १५.३ लाख लोगों की मौत हुई है। हैरानी की बात यह है कि यह आंकड़ा केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की आबादी से भी ज्यादा है। आंकड़ों में लगातार हो रही वृद्धि के बाद भी केंद्र सरकार इस तरफ कोई कदम नहीं उठा रही है और जो उपाय किए गए थे, वे नाकाफी साबित हो रहे हैं। अब मौतों को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी हस्तक्षेप किया है। यह भी बताया जा रहा है कि सड़क हादसों में अमेरिका, चीन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से भारत आगे है। सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दशक (२००४-१३) में सड़क दुर्घटनाओं में १२.१ लाख लोगों की जान चली गई थी। इस दौरान देश में पंजीकृत गाड़ियों की संख्या २०१२ में १५.९ करोड़ से दोगुनी होकर २०२४ में लगभग ३८.३ करोड़ हो गई है और सड़कों की लंबाई २०१२ में ४८.६ लाख किलोमीटर से बढ़कर २०१९ में ६३.३ लाख किलोमीटर हो गई है। हालांकि, विशेषज्ञों ने कहा कि सड़कों की लंबाई और गाड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी हर साल अधिक लोगों की मौत का कारण नहीं हो सकती। सूत्रों के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं के मामले में कोई विशेष कार्रवाई नहीं की जाती है।

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