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भाजपा के एक और झूठ का गुब्बारा फूटा … ईडी का `चेहरा’ हुआ बेनकाब! ….सीडब्ल्यूसी से जुड़ा कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस दिल्ली की अदालत ने किया बंद

-ईडी ने अदालत में खुद पेश की थी क्लोजर रिपोर्ट
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
दिल्ली की एक अदालत ने २०१० के राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच को औपचारिक रूप से बंद कर दिया है। अदालत ने ईडी द्वारा प्रस्तुत क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है, जिससे लंबी जांच प्रभावी रूप से समाप्त हो गई है।
बता दें कि मामला बंद होने के बाद भाजपा के एक और झूठ का गुब्बारा फूट गया है और ईडी का चेहरा भी बेनकाब हुआ है। सीडब्ल्यूसी से जुड़ा कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस दिल्ली की अदालत ने बंद कर दिया है। ईडी ने अदालत में खुद क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी।
७०,००० करोड़ के घोटाले का था अनुमान
उल्लेखनीय है कि कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला २०११ में सामने आया था जिसे भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक बताया गया था। माना जाता है कि नई दिल्ली में आयोजित २०१० के कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारी के दौरान पैसे की बड़े पैमाने पर हेरा-फेरी हुई थी।

बता दें कि सुरेश कलमाडी, पुणे निर्वाचन क्षेत्र से १५वीं लोकसभा के लिए कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि एवं दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स की आयोजन समिति के अध्यक्ष थे। शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं। इस तथाकथित घोटाले में ललित भनोट, आयोजन समिति के महासचिव टी एस दरबारी, आयोजन समिति के संयुक्त महानिदेशक संजय महिंद्रू, आयोजन समिति के उप महानिदेशक बी एस लाली, प्रसार भारती के सीईओ एम जयचंद्रन, संयुक्त महानिदेशक (लेखा और वित्त) का नाम भी जुड़ा था।

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