मुख्यपृष्ठराजनीतिउत्तर की बात : यूपी में मिलकर ही इंडिया गठबंधन चुनाव लड़ेगा!

उत्तर की बात : यूपी में मिलकर ही इंडिया गठबंधन चुनाव लड़ेगा!

रोहित माहेश्वरी
लखनऊ

उत्तर प्रदेश की राजनीति में बिहार के बाद हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के लिए सीटें आवंटित कर दी हैं, लेकिन इस सीट बंटवारे पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्हें सीट बंटवारे के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में अखिलेश यादव की घोषणा को एकतरफा माना जा रहा है। कांग्रेस ने सीट शेयरिंग पर बातचीत के लिए मुकुल वासनिक के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई है। मुकुल वासनिक की अगुवाई वाली कमेटी दिल्ली में अलग-अलग प्रदेश की अलग-अलग पार्टियों के साथ बातचीत कर रही है। इस बीच समाजवादी पार्टी ने अपने दल के १६ प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। घोषित सीटें सपा के प्रभाववाली सीटें हैं, कुछ पर वर्तमान में सपा के सांसद भी हैं। इससे पूर्व सपा राष्ट्रीय लोकदल के साथ सात सीटों पर समझौते का एलान कर चुकी है।
यूपी में इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर विरोधी तंज कस रहे हैं। असल में विपक्ष को लगता है कि इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा सहमति से नहीं हो पाएगा। दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने उचित सीट न मिलने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उस समय अखिलेश यादव ने बड़ा दावा किया था कि लोकसभा चुनाव २०२४ में यूपी की ८० सीटों का बंटवारा समाजवादी पार्टी करेगी। समाजवादी पार्टी यूपी में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसे में अखिलेश यादव के कदम को काफी अहम माना जा रहा है।
सपा, कांग्रेस और आरएलडी तीनों ही दलों के अपने-अपने दावे के समर्थन में अपने-अपने तर्क हैं। लेकिन आंकड़े क्या कहते हैं? इसकी चर्चा भी जरूरी है। साल २०१९ के चुनाव की बात करें तो सपा, बसपा और आरएलडी से गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी थी। सपा ने ३७ और बसपा ने ३८ सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। आरएलडी के हिस्से तीन सीटें आई थीं। सपा-बसपा-आरएलडी के गठबंधन ने सोनिया गांधी की सीट रायबरेली और अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारे थे। तब सपा ने १८.१ फीसदी वोट शेयर के साथ ३७ में से पांच सीटें जीती थीं और ३१ सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे थे। एक सीट पर पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी। सपा को कुल १ करोड़ ५५ लाख ३३ हजार ६२० वोट मिले थे।
फिलवक्त सपा ने कांग्रेस को ११ सीटें देने का एलान किया है। इनमें से दो सीट तो रायबरेली और अमेठी मानी ही जा रही हैं। इसके अलावा नौ अन्य सीटें कौन सी दी गई हैं, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। खबरों के मुताबिक, कांग्रेस पश्चिमी यूपी की चार सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। इनमें से एक सीट अमरोहा की हो सकती है, जहां कुंवर दानिश अली सांसद हैं। उन्हें पिछले महीने दिसंबर में ही बसपा से निष्कासित किया गया है। पश्चिमी यूपी के अलावा पूर्वांचल और बुंदेलखंड में भी कांग्रेस को सीटें दी जा सकती हैं। सपा अध्यक्ष ने पहले ही कह दिया था कि वो इस महीने के आखिर तक सीटों पर पैâसला ले लेंगे और अब सपा की ओर से इसका एलान भी हो गया है। कांग्रेस का दावा २० से अधिक सीटों पर लगातार रहा था। लोकसभा चुनाव २०१९ में कांग्रेस पार्टी महज एक सीट पर जीत दर्ज कर सकी थी। सोनिया गांधी रायबरेली सीट बचाने में कामयाब रहीं। वहीं अमेठी से राहुल गांधी चुनाव हार गए थे। माना जा रहा है कि एक बार फिर राहुल गांधी अमेठी से दावा कर सकते हैं। वहीं प्रियंका गांधी से लेकर रॉबर्ट वाड्रा तक के चुनावी मैदान में उतरने की चर्चा चल रही है। इन तमाम तैयारियों के बीच अखिलेश की घोषणा पर शीर्ष नेतृत्व का कोई बयान सामने नहीं आया है। सपा ने १६ सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। सात सीटें रालोद को दी हैं। कुल मिलकर, अभी २३ सीटों का बंटवारा हुआ है। यूपी में कुल ८० सीटें हैं।
तमाम कयासों और आशंकाओं के बीच यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय का बयान काफी अहम है। राय ने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर अभी चर्चा चल रही है, जो भी शीर्ष नेतृत्व की ओर से कहा जाएगा वह माना जाएगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन को लेकर हमारी स्थिति साफ है। हम लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे। राय के बयान से साफ है कि सीट बंटवारे को लेकर भले ही देरी और चिंतन मंथन चल रहा है, लेकिन चुनाव मिलकर ही लड़ेंगे।
(लेखक स्तंभकार, सामाजिक, राजनीतिक मामलों के जानकार एवं स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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