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क्या आप सचमुच निवेशक हैं या सिर्फ जरूरतमंद?

भरतकुमार सोलंकी, अर्थशिल्पी

निवेशक बनने का सपना तो हर कोई देखता हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा हैं कि सच्चा निवेशक बनने के लिए पहली शर्त क्या हैं?क्या आप खुद को जरूरतमंद की श्रेणी से बाहर निकाल पाए हैं? अगर आपकी प्राथमिकताएं अब भी उधार चुकाना, बैंक का ऋण खत्म करना, बड़ा फ्लैट खरीदना, बेटी की शादी या बच्चों की पढ़ाई के लिए धन जुटाना हैं, तो आपको खुद से पूछना होगा – क्या आप वास्तव में एक निवेशक हैं या केवल अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए धन जुटाने वाले व्यक्ति?

आपके पास चाहे हर महीने दो-ढाई लाख रुपये का म्यूच्यूअल फंड एसआईपी चल रही हो या लाखों का पोर्टफोलियो, लेकिन अगर आने वाले दो-पांच साल में ही आपको अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए उसे खाली करना पड़े, तो क्या यह निवेश कहलाएगा? निवेश का असली मतलब हैं—संपत्ति-निर्माण और यह तभी संभव हैं, जब आपकी जरूरतें आपके निवेश को बाधित न करे।

बहुत से लोग अपने दो-चार करोड़ के पोर्टफोलियो को दिखाकर गर्व महसूस करते हैं और फोर्ब्स की सूची में शामिल करोड़पतियों से तुलना करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा हैं कि फोर्ब्स की सूची में जगह पाने वाले लोग करोड़पति रुपये में नहीं बल्कि डॉलर में होते हैं? अगर आप अपनी संपत्ति का मूल्यांकन डॉलर में करेंगे, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि वैश्विक मानकों पर आप कहां खड़े हैं।

संपत्ति का आकलन करते समय क्या आपने अपनी दो नंबर की पूंजी को भी अपनी संपत्ति में जोड़ लिया हैं? अगर हां, तो यह एक बड़ी भूल हैं। वह पूंजी, जो कानूनी रूप से आपके नाम पर नहीं हैं, वह आपकी नहीं हो सकती। सच्चा निवेशक वही हैं, जिसकी संपत्ति पारदर्शी और वैध हो।

अब सवाल यह हैं कि आप निवेशक कैसे बन सकते हैं? सबसे पहले, अपनी वित्तीय प्राथमिकताओं को स्पष्ट करे। अगर आप अभी भी ऋण चुकाने, आपातकालीन कोष बनाने और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में लगे हैं, तो यह आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। निवेश की यात्रा तब शुरू होती हैं, जब आपकी आवश्यकताएं पूरी हो जाती हैं और आपके पास दीर्घकालिक संपत्ति बनाने की क्षमता होती हैं।

निवेशक बनने के लिए क्या आपने अपने लक्ष्य तय किए हैं? क्या आपका निवेश रिटायरमेंट के लिए हैं, बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए या केवल संपत्ति बढ़ाने के लिए? इन सवालों के जवाब आपको यह समझने में मदद करेंगे कि आप निवेशक बनने की प्रक्रिया में कहां खड़े हैं।

क्या आप जानते हैं कि निवेश में धैर्य और अनुशासन सबसे जरूरी हैं? अगर बाजार की अस्थिरता से घबराकर आप बार-बार अपना पोर्टफोलियो बदलते रहते हैं या उसे जरूरतों के लिए खाली कर देते हैं, तो आप कभी भी निवेशक नहीं बन सकते। सच्चा निवेशक वही हैं, जो लंबी अवधि के लिए सोचता हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करते हुए अपने लक्ष्यों पर कायम रहता हैं।

तो, अब आपको खुद से यह पूछना चाहिए –क्या आप सच में एक निवेशक हैं या जरूरतमंद? निवेशक बनने का मतलब हैं अपनी संपत्ति को इस तरह से प्रबंधित करना कि वह आपकी आवश्यकताओं से ऊपर हो। जब आप अपने निवेश को केवल धन वृद्धि के लिए इस्तेमाल करते हैं और जरूरतों के लिए एक अलग कोष बनाते हैं, तभी आप सच्चे निवेशक कहलाने के योग्य होते हैं।

निवेशक बनना आसान नहीं हैं, यह न केवल आर्थिक अनुशासन की मांग करता हैं, बल्कि एक ऐसी मानसिकता भी चाहता हैं,जो दीर्घकालिक दृष्टिकोण और वास्तविकता को स्वीकार कर सके। अगर आप अपनी संपत्ति को बढ़ाने और जरूरतमंद की श्रेणी से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं, तो यही समय हैं अपने दृष्टिकोण को बदलने और निवेशक बनने की दिशा में पहला कदम उठाने का।

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