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लॉरेंस विश्नोई गैंग से जुड़ा हथियार तस्कर अनिल बंजी गिरफ्तार!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

यूपी एसटीएफ ने संजीव जीवा गैंग से जुड़े हथियार तस्कर गिरोह के सरगना अनिल बालियान उर्फ अनिल बंजी को गिरफ्तार किया है। मुजफ्फरनगर के भौराकलां थाना क्षेत्र के सिसौली गांव निवासी अनिल बंजी पिछले काफी समय से यूपी, हरियाणा और बिहार में विदेशी हथियारों का बड़ा तस्कर बन गया था। यह गैंग लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवाना, सुशील फौजी, हरियाणा के सनी राणा समेत कई गैंग के लिए हथियार सप्लाई करता है। आरोपी के पास से दो अमेरिकी राइफल, एक पंप रिपीटर गन, 15 कारतूस और एक मैगजीन बरामद की गई है।
एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि 23 नवंबर की रात बागपत के लोहड्डा निवासी दरोगा के बेटे रोहन को मुठभेड़ के बाद 17 बंदूक और 700 कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान अनिल बंजी अपने साथियों के साथ फरार हो गया था।पुलिस तभी से उसकी तलाश में लगी थी। शुक्रवार को अनिल बंजी के हथियार लेकर दिल्ली जाने की जानकारी मिलने पर उसे कंकरखेड़ा में हाईवे से हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
मोदीपुरम कृषि विश्वविद्यालय के वेटरनरी डिपार्टमेंट के डीन प्रोफेसर डॉ. राजवीर सिंह पर 11 मार्च 2022 को बाइक सवार हमलावरों ने विश्वविद्यालय से लौटते वक्त अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी, जिसमें कई गोलियां लगने से डीन गंभीर रूप से घायल हो गए थे। डीन पर जानलेवा हमले के मामले में अनिल बंजी का नाम भी प्रकाश में आया था। इस मामले में वह जेल गया था। अनिल बंजी वर्ष 1989 में एयरफोर्स में भर्ती हुआ था। 2009 में नौकरी से वीआरएस लेकर उसने हथियारों की तस्करी शुरू कर दी थी। वह पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पिस्टल की तस्करी कर बिक्री करता था। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि रोहित निवासी मंगलोरा करनाल हरियाणा, कुर्बान व रिहान निवासी खुर्जा बुलंदशहर और शारिक निवासी लिसाड़ी गेट मेरठ से हथियार खरीदता था।
रोहित का भाई राहुल आर्मी में था और पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात था। रोहित अपने भाई के माध्यम से पाकिस्तान से ड्रोन से बाॅर्डर पर पिस्टल मंगाता था। ये पिस्टल लॉरेंस बिश्नाेई, नीरज बवाना समेत अन्य गैंग को सप्लाई की जाती थी। राहुल फिलहाल पंजाब जेल में बंद है। कुर्बान के पुत्र शावेज को एनआईए ने हथियार तस्करी में गिरफ्तार किया था। वह भी जेल में हैं। अनिल बंजी रोहित, कुर्बान, रिहान और शारिक से विदेशी पिस्टल 3.50 लाख रुपये में खरीदकर 4.50 रुपए में बेचता था।
23 नवंबर को गिरफ्तार हुए गिरोह के सदस्य लोहड्डा निवासी रोहन के पिता दरोगा राकेश की तैनाती मथुरा में है। स्कॉर्पियो की तलाशी ली गई तो उसमें 5 सिंगल बैरल और 12 डबल बैरल बंदूक और 700 कारतूस मिले थे। रोहन ने बताया कि इन हथियारों को वह अमृतसर के अटारी रोड खासा स्थित मराठा गन हाउस से लाकर यूपी, दिल्ली और बिहार में सप्लाई करते थे। काफी समय से वह इस काम को अंजाम दे रहे थे। गन हाउस मालिक इन बंदूकों और कारतूसों की किसी और के नाम से फर्जी रसीद काटकर देता था। इन रसीदों को अनिल बंजी अपने पास रख लेता था। रोहन ने पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद यूपी पुलिस में भर्ती की तैयारी की थी, लेकिन नौकरी नहीं लग पाई। इसके बाद अब वह ठेकेदारी करने लगा। इसी दौरान उसकी मुलाकात अनिल बंजी से हुई तो पैसा कमाने के लालच में वह हथियारों की तस्करी से जुड़ गया। रोहन ग्राहकों को खोजता था, उनका नेटवर्क तैयार करता था। सौदा तय होने के बाद जिन्हें हथियार चाहिए होता था, उनको यह लोग हथियार सप्लाई कर देते थे।
रवि काना गिरोह समेत कई बदमाशों को बेचे हथियार
एसटीएफ की जांच में कई नाम सामने आए हैं, जिन्हें अनिल बंजी के गिरोह ने हथियार सप्लाई किए हैं। गिरोह ने सरिया और स्क्रैप माफिया रवि काना गिरोह के दादूपुर दनकौर गौतमबुद्धनगर निवासी आजाद और अमर उर्फ अवध बिहारी को भी हथियार बेचे। इसके अलावा कपिल प्रधान उर्फ ताऊ निवासी गुराना, बंटी सलारपुर थाना गंगानगर मेरठ, सुधीर प्रधान निवासी वाजिदपुर, मोंटी उर्फ निखिल निवासी दीनपुर नजफगढ़ दिल्ली, राजीव और नितिन दीक्षित निवासी लोहड्डा, अमरपाल पुत्र रघुवीर सिंह निवासी लालूखेड़ी मुजफ्फरनगर, अक्षय निवासी जोहड़ी भट्ठे वाला, सोनी राठी निवासी बिजवाड़ा हाल पता ट्रोनिका सिटी गाजियाबाद, अशोक मारवाडी निवासी डिफेंस काॅलोनी कंकरखेड़ा और रिहान निवासी हापुड़ को भी हथियार सप्लाई किए हैं। अनिल बंजी सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विवि मेरठ के डीन राजवीर सिंह पर हुए हमले में जेल जा चुका है।
उसके साथी भौराकलां के सदरूद्दीन नगर उर्फ माजरा निवासी अनिल उर्फ पिंटू को शामली पुलिस ने पांच अप्रैल 2022 को एके-47 राइफल, 7.62 एमएम के 700 कारतूस, एके-47 राइफल के 4.55 एमएम के 600 कारतूस, चार मैगजीन और एक ड्रम मैगजीन के साथ पकड़ा था। ये हथियार संजीव जीवा गैंग से 12 लाख रुपए में खरीदे गए थे।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया था कि गैंगस्टर धर्मेंद्र किरठल से उसकी काफी समय से रंजिश चल रही थी। गैंगस्टर को ठिकाने लगाने के लिए उसने संजीव जीवा से 12 लाख रुपए में एके-47 और 1300 कारतूस खरीदे थे। इन्हें डीन राजवीर सिंह पर हुए हमले में इस्तेमाल किए जाने थे, लेकिन अनिल बंजी ने योजना बदल दी थी। इस गिरोह ने मेरठ के शारिक और सलमान गैंग से भी हथियार खरीदे थे। जिन्हें डेढ़ लाख रुपये में दीपक भूरा निवासी रमाला जिला बागपत, विपिन निवासी वाजिदपुर और पिंटू दाढ़ी निवासी बिनौली को बेचा गया था।

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