-महाकुंभ में श्रद्धालुओं से सामना न हो, इस तरह बना मोदी का स्मार्ट ट्रैफिक प्लान
सामना संवाददाता / प्रयागराज
न रास्ते बंद करने पड़े और न ही घाट, पवित्र संगम में डुबकी लगाकर और पूरी दुनिया को एकता का संदेश देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब दो घंटे प्रयागराज में रहकर बुधवार को वायु सेना के विमान से नई दिल्ली के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने किसी से मुलाकात नहीं की। बुधवार को पीएम मोदी के कुंभ स्नान का स्मार्ट प्रोटोकॉल अमल में लाया गया। वे हवाई जहाज से बमरौली एयरपोर्ट तक पहुंचे, फिर स्टीमर से संगम पहुंचे। उन्होंने मेले में एंट्री नहीं ली। मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को संगम नोज पर भगदड़ के बाद बुधवार पांच फरवरी यानी आठ दिन बाद प्रधानमंत्री का महाकुंभ में आगमन हुआ था। कुंभ में आने के बाद प्रधानमंत्री ने मेले में प्रवेश नहीं किया, ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ से उनका सामना ना हो। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री एसपीजी के विशेष सुरक्षा घेरे में रहते हैं। उनके लिए वीवीआईपी प्रोटोकॉल अमल में लाया जाता है। यानी पीएम के आने जाने के दौरान इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी जाती है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। आम श्रद्धालुओं से मोदी का सामना न हो, इसके लिए बेहद स्मार्ट प्रोटोकॉल बनाया गया। करीब दो घंटे के प्रवास में पीएम के संगम स्नान के दौरान मुख्य मेला क्षेत्र में न तो ट्रैफिक बदलना पड़ा और न ही आम लोगों का स्नान रोकना पड़ा। बमरौली एयरपोर्ट से प्रयागराज के यमुनापार स्थित अरैल में डीपीएस स्कूल परिसर में बने हेलिपैड तक हेलिकॉप्टर से पहुंचे, फिर कार से अरैल घाट और अरैल घाट से त्रिवेणी संगम तक स्टीमर से पहुंचे। त्रिवेणी संगम पर एकांत में बने मंच से गेरुआ वस्त्र में डुबकी लगाकर उसी मार्ग से दिल्ली रवाना हो गए, जबकि मेला नदी के दूसरी तरफ लगा हुआ है। सभी 13 अखाड़ों के पड़ाव भी उसी तरफ हैं। ज्यादातर श्रद्धालुओं की भीड़ उसी तरफ है। भीड़ का सामना पीएम से नहीं हो इसलिए उनके आने जाने के लिए बेहद स्मार्ट ट्रैफिक प्लान प्रयोग में लाया गया। गौरतलब है कि भारत की धरती और गंगा-यमुना एवं सरस्वती को हर सनातनी मां मानते हैं। उनके जीवन का प्रारंभ और अंत मां की गोद में ही निहित है। आज उसी मां की गोद में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभेद सुरक्षा घेरा में त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई, फिर पूरे देश को एकता का संदेश दिया। एक बेटे को मां की गोद में आने के लिए अभेद सुरक्षा घेरे में पहुंचना पड़े तो हर श्रद्धालु के जेहन में सवाल कौंधता है कि मां के पास आने में सुरक्षा कैसी? ऐसे में महाकुंभ के पावन अवसर और पावन संगम तट से मोदी का एकता का संदेश देना भारतवासियों पर कितना असर करेगा? यह देशवासियों की सोच पर निर्भर करता है। अलबत्ता मोदी ने संगम नगरी से एकता का संदेश देकर अपने प्रधानमंत्री होने का अहसास जरूर दिलाया हैं। गौरतलब है कि मोदी बुधवार को महाकुंभ के 24वें दिन संगम स्नान को प्रयागराज आए, साथ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थे। उनके आगमन पर मेले की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। संगम क्षेत्र में पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात थी। 54 दिन में पीएम का महाकुंभ में यह दूसरा दौरा था। इससे पहले 13 दिसंबर को प्रयागराज आए थे। सड़क से लेकर उनके स्नान घाट तक अलग से सुरक्षा इंतजाम किए गए थे।