सामना संवाददाता / मुंबई
पुणे में पुलिस ने शहर के गैंगस्टरों को चेतावनी दी कि वे अपराध और अपराध से संबंधित रील्स के साथ ही अपराध को बढ़ावा देना बंद करें, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसकी सभी जगह दहशत है और पुणे के टॉप मोस्ट आपराधिक गिरोहों के प्रमुख अपने गुर्गों के साथ पूरी तरह गर्दन झुकाए और हाथ बांधे खड़े दिखे। शहर के ३२ गैंगों के २६७ कुख्यात अपराधियों की कल पुलिस कमिश्नरेट में परेड कराई गई।
दो दिन पहले पुणे के नामचीन अपराधी हेमंत दाभेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी सांसद श्रीकांत शिंदे से उनके वर्षा आवास पर मुलाकात की थी। उस वक्त का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। फिर अगले ही दिन यह बात सामने आई कि घायवल गिरोह का सरगना नीलेश घायवल सीधे मुख्यमंत्री से मिला है। इसके बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता व सांसद संजय राऊत ने ये दोनों तस्वीरें ट्वीट कीं तो हड़कंप मच गया। इस पृष्ठभूमि में कल पुणे पुलिस आयुक्तालय में कुख्यात अपराधी गिरोहों के मुखिया तथा पुणे के राइजिंग गैंगस्टरों की एक परेड की गई। इसमें नीलेश घायवल, गजानन मारणे, सचिन पोटे, बाबा बोडके, उमेश चव्हाण के अलावा आंदेकर, बंटी पवार, ठोंबरे गिरोह के कुख्यात अपराधियों की हाजिरी ली गई। ये अपराधी इस समय क्या कर रहे हैं, उनका जमानतदार कौन है, मित्रों आदि की पुलिस ने जानकारी ली। इसके साथ ही आगे से आपराधिक प्रवृत्ति में न शामिल होने की पुलिस ने हिदायत दी। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के पदभार संभालने के बाद पुणे में अपराधिक गिरोहों के मुखिया, सरगनाओं की परेड लेने का निर्देश दिया गया था। पुलिस आयुक्त के मार्गदर्शन में अपराध शाखा के उपायुक्त अमोल झेंडे, सहायक पुलिस आयुक्त सतीश गोवेकर, सुनील तांबे आदि ने इन अपराधियों की परेड कराई और उन्हें चेतावनी दी।
रडार पर रील बनाने वाले
हाथों में बंदूक और पिस्तौल लेकर कुख्यात गैंगस्टर अपराधिक स्वरूप के रील बनाते हैं। इस तरह के वीडियो स्टेटस रखकर एक तरह से अपराध को बढ़ावा देने का काम किया जाता है। पुलिस उपायुक्त अमोल झेंडे ने चेतावनी दी कि इस तरह से आपराधिक प्रवृत्ति के वीडियो और रील बनाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।