सामना संवाददाता / मुंबई
मरीज को लगाया गया सलाइन सोल्यूशन जब खत्म हो जाता है, तो इसे बताने के लिए अब तक मरीज के साथ आया रिश्तेदार उठकर डॉक्टर्स या नर्स को बताने जाता है। लेकिन अब देवगिरी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़नेवाले छात्रों ने सलाइन लेवल मॉनिटरिंग डिवाइस इजात किया है। इसकी मदद से सलाइन सोल्यूशन खत्म होने से पहले ही पहला बजर बज जाएगा। अगर उसके बाद भी कोई नहीं आता है, तो सीधे नर्सों को कॉल जाएगा। यदि नर्स इसकी अनदेखी करती हैं तो कॉल सीधे डॉक्टर के पास चली जाएगी।
इस डिवाइस के बारे में आकांक्षा पुंड ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को बनाने में लोड सेल सेंसर का इस्तेमाल किया गया। यह सेंसर सबसे पहले अलर्ट कॉल तब भेजेगा जब सेंसर द्वारा निर्धारित सलाइन का स्तर २० प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। फिर, जब १० प्रतिशत सलाइन शेष रह जाएगा, तो बजर बजेगा। इन सभी को चलाने के लिए बैटरी का उपयोग किया गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सलाइन का स्तर कंप्यूटर पर ऑनलाइन भी देखा जा सकेगा। इसके अलावा, यदि सिस्टर कॉल नहीं उठाती है, तो डॉक्टर का नंबर जोड़ने के बाद, उन्हें वॉर्ड और बेड नंबर के साथ सीधे कॉल भी प्राप्त होगी। यह परियोजना सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। इसका भी परीक्षण किया गया है। इस परियोजना ने टेक इलेक्ट्रा के तहत एपिटोम प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में प्रथम स्थान जीता है। जो छात्र तकनीकी रूप से अधिक काम करेंगे, उन्होंने इस परियोजना पर कड़ी मेहनत की है।