मुख्यपृष्ठनए समाचार‘आठवले-विसरले’ ...महायुति भूल गई सीट छोड़ना ... अन्य घटक दलों को भी ठेंगा

‘आठवले-विसरले’ …महायुति भूल गई सीट छोड़ना … अन्य घटक दलों को भी ठेंगा

– उफान पर छोटे सहयोगियों की नाराजगी

सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति में भाजपा, घाती और अजीत पवार गुट के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान अभी खत्म नहीं हुआ है। इसी में महायुति के घटक दलों को पहले मधु से लबरेज उंगली दिखाई गई, लेकिन अब उन्हें ठेंगा दिखाया जा रहा है। इस फेहरिस्त में रामदास आठवले की पार्टी आरपीआई भी शामिल है। महायुति आरपीआई के लिए भी सीट छोड़ना भूल गई। इससे घटक दलों में नाराजगी उफान पर दिखाई दे रही है।
उल्लेखनीय है कि महायुति की ओर से अपने ही घटक दलों को दिखाए जा रहे ठेंगे से नाराज होकर सबसे पहले बच्चू कडू महायुति से अलग हो गए। इसके बाद महादेव जानकर ने भी महायुति का साथ छोड़कर अकेले चुनाव लड़ने का पैâसला किया है। अब केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने खुलकर केंद्र में अपनी नाराजगी जाहिर की है।
पांच सीटें चाहती है आरपीआई
महायुति के सीटों के बंटवारे में एक भी सीट नहीं छूटने पर अब आठवले की नींद खुली और वे उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंच गए। उन्होंने फडणवीस को पत्र देकर कहा है कि आरपीआई विधानसभा में पांच सीटें चाहती है। उन्होंने कहा कि हम वर्ष २०१२ से भाजपा के साथ हैं, लेकिन उन्हें रिपब्लिकन पार्टी कहीं नजर नहीं आ रही है। अठावले ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमारी पार्टी को उसका वाजिब स्थान नहीं दिया जा रहा है।

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