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प्रतिष्ठित कॉलेज के 158 लोगों पर ऍट्रासिटी का मामला दर्ज…पुलिस जांच में खुलासा

सामना संवाददाता / कल्याण

कल्याण के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में ऍट्रासिटी का मामला दर्ज होने से शिक्षा क्षेत्र में खलबली मच गई है। पुलिस के अनुसार, कॉलेज के ग्रंथालय में कार्यरत एक कर्मचारी को अनुसूचित जाति से होने के कारण झूठे आरोप लगाकर जबरन नौकरी से निकाल दिया गया था। यह मामला करीब छह साल तक चला, जिसमें लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे। लेकिन पुलिस जांच में कर्मचारी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। आखिरकार सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस ने कॉलेज की प्राचार्या सहित व्यवस्थापन समिति के 158 लोगों के खिलाफ ऍट्रासिटी का मामला दर्ज किया है।
बताया जा रहा है कि इस प्रतिष्ठित कॉलेज में प्राचार्या, व्यवस्थापन समिति और कर्मचारियों सहित करीब 160 लोगों का स्टाफ है, जिसमें 158 लोगों पर मामला दर्ज हुआ है। यह मामला महाराष्ट्र ही नहीं, देशभर में अपनी तरह का पहला मामला बताया जा रहा है। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की बात कही जा रही है। मामले के उजागर होने के बाद कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

स्कूल की मुख्य अध्यापिका को हटाए जाने के विरोध में अभिभावकों और सामाजिक संगठनों का आंदोलन

कल्याण–डोंबिवली के मिलाप नगर स्थित एक प्रतिष्ठित इंग्लिश स्कूल की मुख्य अध्यापिका को ट्रस्टियों के आपसी विवाद के चलते हटाए जाने के विरोध में अभिभावकों, विद्यार्थियों और कुछ सामाजिक संगठनों ने स्कूल के बाहर जोरदार आंदोलन किया। मुख्य अध्यापिका पिछले दस वर्षों से स्कूल में सेवाएं दे रही थीं और उनकी देखरेख में स्कूल के शैक्षणिक प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ था, लेकिन ट्रस्ट के आंतरिक विवाद के कारण उन्हें अचानक हटा दिया गया, जिससे अभिभावकों और विद्यार्थियों में नाराजगी फैल गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्य अध्यापिका को हटाए जाने के बाद स्कूल प्रशासन ने एक अन्य व्यक्ति को उनकी जगह नियुक्त किया, जिसका भी अभिभावकों ने विरोध किया। आंदोलन के दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी, लेकिन पुलिस और स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप से स्थिति संभाली गई। अभिभावकों का कहना है कि मुख्य अध्यापिका को अन्यायपूर्ण तरीके से हटाया गया है और जब तक उन्हें वापस नहीं लाया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। फिलहाल, प्रशासन ने शनिवार को स्कूल प्रशासन के साथ बैठक कर उचित समाधान निकालने का आश्वासन दिया है, जिसके बाद आंदोलन समाप्त किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में कई अभिभावकों, विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

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