मुख्यपृष्ठनए समाचारसावधान! ... महाकुंभ में डिजिटल ठगों के निशाने पर श्रद्धालु ...खास तरीके...

सावधान! … महाकुंभ में डिजिटल ठगों के निशाने पर श्रद्धालु …खास तरीके से बना रहे निशाना

पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल कर सकता है नुकसान
डिजिटल पेमेंट के वक्त बरतें सावधानी
सामना संवाददाता / प्रयागराज
प्रयागराज में कल से महाकुंभ मेला शुरू हो गया है। हर १२ साल में आयोजित होने वाले इस मेले में करोड़ों की संख्या में साधु-संत व श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है। लोगों की इस भीड़ में कई ठग भी शामिल हो सकते हैं। ऐसे में इनसे बचकर रहने की जरूरत है। महाकुंभ मेले के दौरान डिजिटल ठग भी सक्रिय हो गए हैं और वे आसानी से श्रद्धालुओं को शिकार बना रहे हैं। बता दें कि महाकुंभ १३ जनवरी से शुरू हुआ है और २६ फरवरी तक चलेगा। यह महाकुंभ १४४ सालों बाद आया है और बेहद खास माना जा रहा है। महाकुंभ का पहला शाही स्नान १४ जनवरी यानी मकर संक्रांति के दिन किया जाएगा।

साइबर अपराधियों के निशाने पर बुकिंग वेबसाइट और रजिस्ट्रेशन पोर्टल जैसे पब्लिक सिस्टम हैं। ये जरूरी जानकारी हासिल करने के लिए फिशिंग ईमेल या फेक यूपीआई पर पेमेंट के लिए कहते हैं और फिर आपके पैसे लेकर गायब हो जाते हैं इसलिए इनसे सतर्क रहने की जरूरत है। यूपीआई और क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट करते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। कई बार लोगों को फेक क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट कराकर उन्हें ठग लिया जा रहा है। ऐसे में मेले में अगर कहीं दान या चढ़ावा देना हो, तो पेमेंट के वक्त अनचाहे ऑफर से बचने की कोशिश या फिर क्यूआर कोड को अच्छे से जांच लेना जरूरी है।
ऑफिशियल वेबसाइट
से ही बुकिंग करें
बुकिंग करते वक्त सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट या आईआरसीटीसी जैसे भरोसेमंद ट्रैवल प्लेटफॉर्म को चुनें। वेबसाइट फर्जी है या नहीं, यह जांचने के लिए देखें कि URL https:// से शुरू हो रहा है या नहीं।
महाकुंभ पुलिस ऐप करें डाउनलोड
मेले में किसी भी तरह के फर्जीवाड़े से बचे रहने के लिए महाकुंभ पुलिस ऐप को डाउनलोड कर लें। किसी भी संभावित खतरे से बचे रहने के लिए समाचार और अलर्ट पर ध्यान दें। अगर मेले में किसी फर्जी वेबसाइट, ऐप या सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी मिले तो तुरंत इसकी शिकायत करें।

फर्जी वेबसाइट या विज्ञापन से बचें
महाकुंभ मेले में फर्जी वेबसाइट या विज्ञापन से भी बचकर रहें। एम फिल्टर आईटी के को-फाउंडर धीरज गुप्ता ने इस बारे में कहा कि कई बार लोगों को ठगने के लिए लुभावने डील्स या ऑफर का लालच दिया जाता है। धोखेबाज व्हॉट्सऐप, ईमेल या फर्जी वेबसाइट पर आपको टेंट या लॉजिंग या ट्रैवल की बुकिंग कराने के लिए पेमेंट के लिए कहते हैं और एक बार पैसा मिल जाने के बाद इनका कोई अता-पता नहीं रहता है। जहां तक हो सके पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि इनके जरिए आपके डिवाइस को हैक कर अकाउंट डिटेल जैसी कई अहम जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं। ऐसे में पब्लिक वाई-फाई का सोच-समझकर इस्तेमाल करने की जरूरत है। इसके अलावा, आईपी बेस्ड वैâमरों का भी गलत इस्तेमाल साइबर अपराधी आप तक पहुंचने के लिए कर सकते हैं।

अन्य समाचार