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औरंगजेब की कब्र नहीं, समाधि! … शाह के बयान से शिवप्रेमियों में आक्रोश

सामना संवाददाता / मुंबई
धर्मवीर, स्वराज्य रक्षक छत्रपति संभाजी महाराज की अत्यंत क्रूर तरीके से हत्या करने वाले पापी औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के खुलताबाद में स्थित है। यह वही कब्र है, जो शंभुराजे और मराठों के पराक्रम तथा इतिहास की घटनाओं की साक्षी रही है। कुछ दिन पहले भाजपा ने इस कब्र को उखाड़कर फेंकने की मांग करते हुए पूरे महाराष्ट्र में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। इसके चलते दंगे भड़के, कई लोगों के सिर फूटे, गाड़ियां जलाई गईं और कई आपराधिक मामले दर्ज हुए।
जहां एक ओर इस कब्र के मुद्दे पर महाराष्ट्र में युवाओं को भड़काया गया, वहीं अब स्वयं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कल औरंगजेब की इस कब्र को समाधि कहकर संबोधित किया। शाह के इस बयान के कारण शिवप्रेमियों में तीव्र आक्रोश उत्पन्न हुआ है और सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ तीखी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। एक ने भी आपत्ति नहीं जताई कि समाधि शब्द सामान्यत: संतों, महापुरुषों, शूरवीरों और राष्ट्रनायकों के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक उच्च व्यक्ति के लिए कहा जाता है, लेकिन औरंगजेब, जिसने महाराष्ट्र पर आक्रमण कर छत्रपति शिवाजी महाराज को अपार कष्ट दिए, संभाजी महाराज की क्रूरतापूर्वक हत्या की, उस औरंगजेब के लिए समाधि शब्द का उपयोग करना, यह शिवभक्तों के लिए अत्यंत अपमानजनक माना जा रहा है।’
शिवभक्तों को घंटों रोका
अमित शाह के रायगढ़ दौरे के लिए हजारों पुलिसकर्मी और अधिकारियों की भारी तैनाती की गई थी। इस पूरे दौरे के लिए संपूर्ण सरकारी यंत्रणा को झोंक दिया गया, लेकिन इस दौरे का भारी खामियाजा सैकड़ों शिवभक्तों को भुगतना पड़ा। एक ओर तेज धूप थी, वहीं दूसरी ओर छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करने रायगढ़ किले पर पहुँचे शिवभक्तों को अमित शाह की सुरक्षा के कारण एक मंडप में लगभग पांच घंटे तक जबरन रोका गया। न पीने के पानी की कोई व्यवस्था थी, न ही कोई उचित प्रबंधन। झुलसाती धूप में खड़े इन शिवभक्तों में से कई को चक्कर आकर वे मौके पर ही बेहोश हो गए। इस अव्यवस्था और अमानवीय व्यवहार के कारण शिवप्रेमियों में जबरदस्त आक्रोश है।

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