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आव्हाड ने गुजराती में साधा संवाद…केम छो भाई तमे, सारू छे ने?..मुंबई में रहना है तो गुजराती बोलो…सरकार पर कसा जोरदार तंज

सामना संवाददाता / मुंबई

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता भैय्याजी जोशी ने कहा था कि मुंबई की भाषा मराठी नहीं है। उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने विधानसभा और विधान परिषद में सरकार को घेर लिया है। उनके बयान के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जीतेंद्र आव्हाड ने गुजराती में बात करके अपना विरोध जताया। उन्होंने विधान भवन परिसर में भाजपा नेता प्रवीण दरेकर से गुजराती में बात करते हुए तंज कसा। आव्हाड ने कहा कि दरेकर भाई, केम छो? तमे सारू छे ने? इन शब्दों में एक तरह से आव्हाड ने दरेकर का मखौल उड़ाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुंबई में यदि रहना है तो गुजराती बोलना होगा।
मुंबई में विभिन्न प्रांतों और भाषाओं के लोग रहते हैं। यहां कई भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन अब घाटकोपर की भाषा गुजराती हो चुकी है इसलिए हर किसी को मराठी सीखने की जरूरत नहीं। इस तरह का बयान भैय्याजी जोशी ने दिया। खास बात यह है कि उन्होंने यह बयान महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा विधायक मंगलप्रभात लोढ़ा की मौजूदगी में दिया। उनके इस बयान पर अब नया विवाद खड़ा हो गया है।
अब केम छो, ढोकला, फाफड़ा, जलेबी बोलना है
मीडिया से बात करते हुए जीतेंद्र आव्हाड ने `केम छो भाई, सारू छे ने?’ कहकर बातचीत शुरू की। जब पत्रकारों ने उनसे इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि अब मराठी नहीं बोलना है। अब केम छो, ढोकला, फाफड़ा, जलेबी बोलना है। मराठी में बटाटा-वड़ा और वड़ा-पाव नहीं कहना है। अब मुंबई में रहना है तो गुजराती बोलना होगा। अपने बच्चों को गुजराती स्क़ूलों में भेजो, क्योंकि अब गुजराती घाटकोपर की भाषा बन चुकी है। यह धीरे-धीरे मुलुंड, दहिसर, अंधेरी की भाषा भी बन जाएगी। मराठी सिर्फ दादर की भाषा रह जाएगी यानी मराठी लोग सिर्फ दादर तक ही सीमित रह जाएंगे। मराठी लोगों को जागरूक करने के लिए धन्यवाद, भैय्याजी जोशी!
सार्वजनिक माफी मांगें भैय्याजी जोशी: अतुल लोंढे
संघ के भैय्याजी जोशी का मुंबई और मराठी भाषा को लेकर दिया गया बयान जानबूझकर किया गया एक अपमानजनक वक्तव्य है। मराठी भाषा और मुंबई का अपमान करने वाले भैय्याजी जोशी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, यह मांग प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने की है। लोंढे ने कहा कि मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र की भाषा मराठी है, लेकिन आरएसएस के लोगों को मुंबई, यहां की मराठी भाषा और मराठी जनता के प्रति हमेशा से ही द्वेष रहा है। मुंबई की मराठी भाषा को नजरअंदाज कर गुजराती और अन्य भाषाओं को थोपने की साजिश चल रही है। इसी मानसिकता के तहत भैय्याजी जोशी का यह बयान आया है। मुंबई और महाराष्ट्र की भाषा मराठी ही है और हमें इस पर गर्व है। यदि कोई मराठी भाषा का अपमान करता है तो उसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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