गांउ घरेऽ के बात
कहो तेवारी कइसे सपरेऽ
गांउ घरेऽ के बात
तूं बाट्यऽ बंमई शहर मा
हम बाटी कलकत्ता
झूठ-फुरा कुलि तूं गावथ्यऽ
हमहूं बाटी झुट्ठा
कइसे घर बढ़ि पाए आगे
कइसे लहै हलात
कहो तेवारी कइसे सपरेऽ
गांउ घरेऽ के बात
घरेऽ क कुलि खेतीऽ परती बाऽ
शहर में महंगा चाउर
दूध दही इफराद घरेऽ बाऽ
शहर में नोहर जाउर
कबले कटबऽ पेट शहर में
चिखबऽ रचि-रचि भात
कहो तेवारी कइसे सपरेऽ
गांउ घरेऽ के बात
सुनऽ तेवारी अबउ समय बाऽ
लउटि चलीऽ अब गांउ
माया-मोह शहर के छोड़ऽ
अउर भुलावऽ दांउ
सांझ-सबेरे लागेऽ मजमा
हंसि-हंसि होए बात
कहो तेवारी कइसे सपरेऽ
गांउ घरेऽ के बात।
-पंकज तिवारी