उमेश गुप्ता / वाराणसी
आजमगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने 95 करोड़ की आनलाइन गेम क्रिकेट बज़ के नाम से साइबर ठगी करने वाले अन्तर्राष्ट्रीय संगठित गैंग का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर 208 बैंक खातों में करीब 95 करोड़ रुपए साइबर ठगी के 1 करोड़ रुपए फ्रीज किया है। पुलिस ने इनके पास से 15 लाख रुपए का सामान बरामद किया है, जिसमें कुल 20 हजार रुपए नगद, 51 मोबाइल फोन, 4 लैपटाप, 42 एटीएम कार्ड, 13 बैंक पासबुक, 79 सिम कार्ड, 4 चेक बुक बरामद किया है।
एसएसपी आजमगढ़ हेमराज मीना के नेतृत्व में आजमगढ़ पुलिस ने 2024 के नवंबर माह में ऑनलाईन जुआ सरकार द्वारा प्रतिबंधित एप्पस रेड्डी अन्ना, लोटस. महादेव से 190 करोड़ की ठगी करने वाले अन्तर्राष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश किया था, जिसमें 11 लोगों को रैदोपुर (कोतवाली) आजमगढ़ से गिरफ्तार किया था। फर्ज एफआईआर के विवेचना के क्रम में थाना साइबर क्राइम जनपद आजमगढ़ पुलिस ने अवैध अंतरराष्ट्रीय ऑनलाईन गेम (क्रिकेट बज) के नाम से लोगों को फंसाकर वेबसाइट पर लागिन कराकर, वेबसाइट पर गेम टास्क पूरा करने का झांसा देकर पैसों को दुगुना-तीन गुना जीतने का प्रलोभन देते थे। यह ठग साइबर ठगी करके उनका सारा पैसा फर्जी खातों व फर्जी मोबाइलों के जरिए ट्रांसफर कर लेते थे। सभी 7 ठगों को बड़ालालपुर (पाण्डेयपुर) से गिरफ्तार किया गया है। इस संगठित गैंग में भारत एवं अन्य देश, जिसमें श्रीलंका, यूएई के मेंबर विभिन्न व्हॉट्सऐप ग्रुप से जुड़े थे एवं ठगी के पैसों का आदान-प्रदान करते थे। गिरफ्तार किये गए 7 आरोपियों में उत्तर प्रदेश से 6 तथा पश्चिम बंगाल से 1 हैं। देश के विभिन्न राज्यों में इनके विरुद्ध कुल 45 साइबर ठगी (एनसीआरपी कम्प्लेन) की शिकायतें दर्ज हैं।
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस के पूछताछ में बताया कि आजमगढ़ में उनकी यूनिट चलती थी, जिसमें नवंबर 2024 मे आजमगढ़ से 11 लोग पकड़े गये थे, जिसके बाद वह छिप-छिपाकर वाराणसी में यह कार्य करते रहे। ठगों ने आनलाइन गेम्स (क्रिकेट बज) के नाम से व्हाट्सअप, टेलीग्राम पर चैनल बनाया गया था, जिसका सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इन्स्टाग्राम, फेसबुक (मेटा) पर विज्ञापन के माध्यम से लोगों को फंसाते थे एवं उनको वेबसाइट पर लागिन कराकर वेबसाइट पर गेम / टास्क पूरा करने पर पैसों को दुगुना-तीन गुना जीतने का प्रलोभन देकर लोगों के साथ साइबर ठगी करके उनका सारा पैसा फर्जी खातों व फर्जी मोबाइलों के जरिए ट्रांसफर कर लेते थे। अभियुक्तों द्वारा विभिन्न व्हॉट्सऐप ग्रुप के माध्यम से आम नागरिकों से वार्ता की जाती थी एवं बेटिंग/गेम खेलने के लिए प्रेरित किया जाता था, जिसकी एक लागिन आईडी बनायी जाती थी, जिसके लिए एक निर्धारित फीस होती है। आरोपियों ने व्हॉट्सऐप ग्रुप के माध्यम से देश-विदेश के सदस्यों से आपस मे वार्ता की जाती थी एवं क्रेडिट / डेबिट खातों की डिटेल व्हॉट्सऐप ग्रुप के माध्यम से दी जाती थी।
गिरफ्तार आरोपियों में भाईपुर कला (भुईली खास) जमालपुर मिर्जापुर निवासी शुभम जायसवाल, गोबरा(केराकत) चंदवक जौनपुर निवासी धनजीत यादव, कपिसा (दानगंज) चोलापुर वाराणसी निवासी अजय यादव, सेवढी (सकलडीहा) बलुआ चंदौली निवासी अभय राय, हरिशपुर(अन्डाल) पश्चिम वर्धमान आसनसोल, पश्चिम बंगाल निवासी अविनाश राय, मुरेरी (चोलापुर) वाराणसी निवासी शुभम यादव, धर्मापुर (धर्मापुर) गौरा बादशाहपुर जौनपुर निवासी पीयूष यादव शामिल है।