अरुण कुमार गुप्ता
अब व्यापारी भी भाजपा से नाराज
देश में सबकी अपनी-अपनी समस्याएं हैं। चाहे वह किसान हो या व्यापारी। अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए लोग मौके की तलाश में रहते हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव से बढ़िया मौका क्या हो सकता है। अब लखनऊ के व्यापारियों ने रिटेल क्षेत्र में ऑनलाइन कारोबार के कारण बर्बाद हो रहे रिटेल क्षेत्र को लेकर मोर्चा खोल दिया है। व्यापारियों का कहना है कि ऑनलाइन कारोबार से व्यापारी परेशान हैं। ऊपर से जीएसटी का जटिल जाल गले का फांस बना हुआ है। व्यापारियों की इच्छा है कि इस मुद्दे को राजनीतिक दल गंभीरता से लें। `उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल’ के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता का कहना है कि सरकार की तमाम नीतियों के कारण व्यापारियों के सामने समस्याएं आई हैं। रिटेल क्षेत्र में एफडीआई को बढ़ावा देने से छोटे व्यापारी परेशान हैं। सरकार ने इन मध्यम व्यापारियों की यदि मदद नहीं की तो ये व्यापारी बर्बाद हो जाएंगे। लखनऊ के व्यापारी चुनाव का मौका देखकर अपनी बात मनवाने के लिए शहर भर में अभियान चला रहे हैं। व्यापारी वर्ग भाजपा का वैâडर मतदाता माना जाता है, लेकिन ऐसी स्थिति में अब यही कहा जा रहा है कि व्यापारियों की यह नाराजगी भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किल पैदा करेगी।
गमछा पॉलिटिक्स
उत्तर प्रदेश में पहले चरण की वोटिंग से पहले भाजपा और समाजवादी पार्टी की रणनीति की वजह से सियासी जंग काफी रोचक हो चली है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मोर्चा संभाल लिया है। हर दिन वह पश्चिमी यूपी में चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे हैं। इस दौरान उनके हाव-भाव के साथ कई और पहलुओं की चर्चा हो रही है। उनकी रणनीति ने विरोधियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। दरअसल, बीते चार दिनों के पश्चिमी यूपी में अखिलेश यादव चुनावी रैली में हर दिन अपने आम दिन के पहनावे से अलग गमछे के साथ नजर आ रहे हैं। इस वजह से अखिलेश यादव के गमछा पॉलिटिक्स की चर्चा बीते कुछ दिनों में काफी हो रही है। राजनीति के जानकार इसे पश्चिमी यूपी में किसानों और जाट समुदाय से जोड़कर देख रहे हैं। इस दौरान उनकी हर रैली के लिए बन रहे पोस्टर्स पर गौर करें तो चौधरी चरण सिंह को भी जगह दी जा रही है। राजनीति को समझने वाले सपा के इन दोनों ही पैâसलों के पीछे पार्टी की रणनीति को मानते हैं। अखिलेश यादव की इसी रणनीति के कारण एनडीए के लिए जयंत चौधरी के साथ हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी पूरी तरह मैदान में नजर आ रहे हैं, लेकिन यहां यह कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव की गमछा पॉलिटिक्स जयंत चौधरी पर भारी पड़ रही है।
प्रचार का नया तरीका
लोकसभा चुनावों की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे अलग-अलग राजनीतिक दलों का प्रचार-प्रसार का सिलसिला भी काफी तेज होता जा रहा है। हर उम्मीदवार अपने-अपने तरीके से मतदाताओं के बीच पहुंच रहा है। जहां कोई उम्मीदवार गले में जूतों की माला पहनकर वोट मांग रहा है तो कोई तपती धूप में खेतों में गेहूं काटने पहुंच जा रहा है। इसी कड़ी में मिर्जापुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र एस बिंद भी इन दिनों खूब प्रचार कर रहे हैं। इस बीच उनका गेहूं काटने का एक वीडियो सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि सपा प्रत्याशी राजेंद्र बिंद मझवां विधान सभा क्षेत्र में प्रचार के लिए जा रहे थे। इसी दौरान तेज धूप में कुछ किसान खेतों में गेंहू की कटाई कर रहे थे। गेहूं काटते युवकों को देख सपा प्रत्याशी राजेंद्र बिंद ने अपनी कार रुकवाई और पहुंच गए खेत में। किसान भी अचानक अपने बीच सपा प्रत्याशी को देखकर हैरान रह गए। राजेंद्र बिंद ने इस दौरान हाथों में फसल काटने वाला हंसिया लेकर गेहूं काटा और खूब फोटो भी खिंचवाया। अपना दल (एस) को टक्कर देने के लिए मिर्जापुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने राजेंद्र एस बिंद को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है। लेकिन यहां पर यह देखना दिलचस्प होगा कि नेताजी की गेहूं कटाई तो ठीक है, वे लोगों को अपनी ओर कितना खींच पाते हैं और चुनावी वैतरणी पार लगाने में सफल होते हैं।