अरुण कुमार गुप्ता
वोटों के गुणा गणित में सभी राजनीतिक दल लगे हुए हैं। ऐसे में भाजपा भी इस गणित में पीछे वैâसे रह सकती है। इटावा लोकसभा से भाजपा के उम्मीदवार रामशंकर कठेरिया अपने कार्यकर्ताओं को ऐसा गुर सिखा रहे हैं, जिसे सुनकर कोई भी हंसी नहीं रोक पाएगा। कानपुर देहात की सिकंदरा विधान सभा क्षेत्र में बूथ स्तर की मीटिंग में पहुंचे रामशंकर कठेरिया ने कार्यकर्ताओं को मंच से बताया कि लोकसभा चुनाव में कैसे और किस तकनीक से मतदान करना है? भाजपा किस तकनीक का प्रयोग कर रही है और उसके नेता इस तकनीक को जनता और अपने कार्यकर्ताओं से भी साझा कर रहे हैं। कठेरिया ने कहा कि मैंने कार्यकर्ताओं से कह दिया है कि हर जाति की लिस्ट बनाओ और पता करो कि हर जाति से कितने लोग बाहर गए हुए हैं। गांव में जो वोट है, उसका ३० से लेकर ३५ प्रतिशत तक बाहर हैं, जो गांव में नहीं रहता और जो ३५ प्रतिशत वोट बाहर है, उसमें भी ९० प्रतिशत वोट हमारा है और समझाओ लोगों को भाजपा को वोट डालें। तुम्हें योजना का लाभ दिया जा रहा है और अगर कोई न माने तो हाथ जोड़ लेना और जो लोग बाहर हैं, उनको फोन करके बुलाओ। नेताजी का यह चुनावी गणित कार्यकर्ताओं के सर से ऊपर जा रहा है, लेकिन करें तो क्या करें, कार्यकर्ता जो ठहरे।
…तो उतर गए चुनावी मैदान में
लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही नामांकन पत्र लेने कलक्ट्रेट पहुंचे एक व्यक्ति ने चुनाव लड़ने की ऐसी वजह बताई कि सभी दंग रह गए। बाइक चोरी होने पर पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से आहत कल्लन कुमार सांसद द्वारा राम-राम नहीं किए जाने पर मैदान में निर्दलीय ताल ठोंकने जा रहे हैं। फतेहपुर सीकरी के उंदेरा के कल्लन कुमार ने बताया कि उनकी बेटी सुमन पिछले वर्ष स्वास्थ्य खराब होने पर शाहगंज-बोदला रोड स्थित गोयल हॉस्पिटल में भर्ती थी। १० अगस्त को हॉस्पिटल के बाहर से उनकी बाइक चोरी हो गई थी। उन्होंने जगदीशपुरा थाने में कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। चौकी प्रभारी बोदला को जांच करने के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम (आइजीआरएस) पर शिकायत की। पुलिस ने जांच कर हॉस्पिटल के सीसीटीवी वैâमरे की जांच और अन्य पूछताछ के बाद बाइक चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कर ली। इसके बाद मलपुरा में एक कार्यक्रम में सांसद राजकुमार चाहर आए थे। उन्होंने दो बार सांसद से राम-राम की, लेकिन उन्होंने भी जवाब नहीं दिया। क्षेत्र में गरीबों की सुनवाई नहीं हो रही है इसलिए उन्होंने पिछले वर्ष ही चुनाव लड़ने का मन बना लिया था। इस तरह व्यवस्था से नाराज कल्लन के चुनावी मैदान में उतरने से उन्हें मतदाताओं से कितनी सहानुभूति मिलेगी यह तो समय बताएगा।