मुख्यपृष्ठस्तंभबब्बा बोलो ना... बेलगाम बयानबाजी 

बब्बा बोलो ना… बेलगाम बयानबाजी 

अरुण कुमार गुप्ता
नेताओं की बेलगाम बयानबाजी ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब उनके सहयोगी भी उन बयानों से नाराज नजर आ रहे हैं। हाल ही में आजमगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ के बेरोजगारी वाले विवादित बयान से बवाल मच गया है। हालांकि, अपना दल के नेता व योगी सरकार में वैâबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने समर्थन किया है। लेकिन संविधान बदलने वाले बयान पर आशीष पटेल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर आरक्षण बदला तो सबसे पहले अपना दल ही भाजपा से अलग होगा। आशीष पटेल कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए बस्ती आए, जहां पर उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर चुनाव में जीतने के लिए उन्हें जीत का मंत्र दिया। पटेल ने पत्रकारों के सवालों का भी जवाब दिया। निरहुआ के बेरोजगारी वाले बयान पर उन्होंने कहा कि यह बात तो सही है कि अगर देश में जनसंख्या बढ़ी तो जाहिर सी बात है कि बेरोजगारी भी बढ़ेगी। ऐसे में राज्य में पहले चरण की वोटिंग से पहले भाजपा के कुछ नेताओं की बयानबाजी ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
पैराशूट प्रत्याशी और पावर पॉलिटिक्स
उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट काफी समय से चर्चा में है। चर्चा इसलिए कि यहां ३५ साल से मेनका गांधी और वरुण गांधी सांसद रहे हैं। पहली बार यहां गांधी परिवार का कोई सदस्य प्रतिनिधित्व नहीं करेगा। अब चर्चा इस बात की है कि पैराशूट प्रत्याशी जितिन प्रसाद भाजपा के इस गढ़ को वैâसे बचाएंगे। मेनका गांधी और वरुण गांधी के ३५ साल में यहां पर भाजपा का कोई बड़ा चेहरा प्रचार करने नहीं उतरा था, जबकि इस बार प्रधानमंत्री मोदी और उपमुख्यमंत्री तक मोर्चा संभाले हुए हैं। जितिन प्रसाद के लिए मोदी और योगी का मैदान में उतरना पावर पॉलिटिक्स के रूप में देखा जा रहा है। यहां समाजवादी पार्टी ने ओबीसी समीकरण साधते हुए भगवत शरण गंगवार को मैदान में उतारा है, जबकि सियासी फाइट में बसपा भी पीछे नहीं है। ऐसे में अब यही कहा जा सकता है कि जितिन प्रसाद जिनका परिवार विशुद्ध रूप से कांग्रेसी रहा है और लगातार तीन बार चुनाव हारे हैं, अब भाजपा में आकर इस सीट से विजय हासिल करना उनके लिए टेढ़ी खीर से कम नहीं है।

अन्य समाचार