सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की महायुति सरकार की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। पहले राष्ट्रीय समाज पार्टी के अध्यक्ष महादेव जानकर ने अलग होकर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उसके बाद अब प्रहार संगठना के प्रमुख विधायक बच्चू कडू ने भी महायुति को झटका दिया है। बच्चू कडू ने कहा कि उनकी पार्टी महायुति में नहीं है। यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वे महायुति के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा कि उनकी किसानों और विकलांगों से जुड़ी कुछ मांगें हैं और अगर सरकार उन्हें पूरा करती है तो वह विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम महायुति के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे तो किसान, मजदूर और मजदूरों का मोर्चा बनकर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि १९ तारीख तक राज्य सरकार को हमारी मांगों का जवाब देना होगा। उसके हम पैâसला लेंगे। यह सवाल पूछने पर कि क्या वह महायुति में रहते हुए आगामी चुनाव लड़ेंगे? इसके जवाब में विधायक बच्चू कडू ने कहा कि कौन कहता है कि हम महायुति में हैं? हम महायुति में नहीं हैं। अगर समय मिला तो हम किसानों, खेतिहर मजदूरों और मजदूरों का एक गठबंधन बनाएंगे और महायुति के खिलाफ लड़ेंगे। किसानों और विकलांगों की संबंधित मांगों को लेकर बच्चू कडू १९ जुलाई को राज्य सरकार से जवाब मांगेंगे। बच्चू कडू ने ऐलान किया है कि अगर सरकार मांगें मान लेती है तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे सीट छोड़ने के बाद उन्हें किसी और को टिकट देना चाहिए।