मुख्यपृष्ठनए समाचारमुहर्रम के दिन हनुमानजी का भंडारा करने पर अड़े 'बड़े महाराज' नजरबंद

मुहर्रम के दिन हनुमानजी का भंडारा करने पर अड़े ‘बड़े महाराज’ नजरबंद

-पूर्व मंत्री राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह ३ दिन के लिए हाउस अरेस्ट

-१२ वर्ष पूर्व मुहर्रम के दिन शेखपुर गांव में हुई थी बंदर की हत्या

-तभी से उस स्थल पर हनुमान मंदिर बनवाकर ग्रामीण बड़े महाराज की अगुवाई में मनाते आ रहे बरसी

विक्रम सिंह / प्रतापगढ़

यूपी में योगीराज होने के बावजूद पूर्व मंत्री व जनसत्ता सुप्रीमो विधायक रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भइया’ के पिता पूर्व रियासत भदरी के राजा उदय प्रताप सिंह ‘बड़े महाराज’ इस बार भी दिवंगत बंदर की स्मृति में भंडारे का आयोजन नहीं कर सकेंगे। उन्हें प्रतापगढ़ पुलिस ने तीन दिन के लिए हाउस अरेस्ट कर नजरबंद कर दिया है। प्रशासन ने यह कार्रवाई मोहर्रम में शांति-व्यवस्था कायम रखने के उद्देश्य से की है।
सोमवार अलसुबह करीब पांच बजे सीओ कुंडा के साथ एसडीएम भदरी कोठी पहुंचे, जहां विधिक नोटिस गेट पर चस्पा करते हुए ‘बड़े महाराज’ उदय प्रताप सिंह को नजरबंद किए जाने का फरमान सुनाया। उन्हें मुहर्रम के बाद शाम को स्वतंत्र किया जाएगा। भदरी कोठी के गेट पर बड़ी संख्या में फोर्स तैनात है।
इसलिए बड़े महाराज चाहते हैं बंदर की याद में ‘भंडारा’
बताया जाता है कि १२ वर्ष पूर्व २०१२ में भदरी के शेखपुर आशिक गांव में मुहर्रम के दिन सड़क के किनारे एक बंदर की संदिग्ध स्थिति में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे तनाव की स्थिति भी पैदा हो गई थी। हालांकि, बजरंगबली के भक्तों ने इसी के बाद वहां पर हनुमान मंदिर का निर्माण कर दिया। साथ ही कुछ वर्ष पूर्व इसी हनुमान मंदिर पर बंदर की पुण्यतिथि का आयोजन भी शुरू हो गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग भी जुटने लगे। इसी क्रम में हर साल मुहर्रम के दिन बड़े महाराज उदय प्रताप सिंह प्रयागराज-अयोध्या हाईवे स्थित शेखपुर में बंदर की बरसी मनाने व भंडारा करने पर अड़ जाते हैं और प्रशासन हिंदू-मुस्लिम आपसी सौहार्द में खलल के अंदेशे में इसकी अनुमति नहीं देता। इस बार भी वे भंडारे की तैयारी कर रहे थे, जिस पर पूर्व की तरह उन्हें नजरबंद कर दिया गया है।
गिरफ्तारी के बाद उदय प्रताप सिंह का एक्स पर ट्वीट
”इसका समाधान प्रशासन ने निकाल लिया है, जो मुसलमानों का विरोध करे उसको अरेस्ट कर लो, जैसे की हमको सुबह से किए हुए हैं। प्रशासन ने हिंदुओं का बहुत सालों से चलता आ रहा भंडारा शेखपुर में नई प्रथा बताकर बंद कर दिया, किंतु मझिलगांव में सड़क के आर-पार मुसलमानों के नए सिरे से गेट लगाने पर रोक नहीं लगा रहे हैं। उसके नीचे से हिंदुओं को भी जाना पड़ता है।”

अन्य समाचार