– कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका भी की खारिज
– भाजपा से जुड़े होने के कारण लग रहा बचाने का आरोप
सामना संवाददाता / मुंबई
बदलापुर यौन शोषण मामले में स्कूल संचालक और सचिव की गिरफ्तारी पूर्व जमानत को मुंबई हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। स्कूल संचालक व सचिव की ओर से अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह याचिका खारिज की जाती है, यह दोनों को गिरफ्तारी से राहत देने का मामला नहीं है।
बता दें कि इन दोनों आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि मामला दर्ज होने के एक माह बीत जाने के बाद भी पुलिस को संचालक उदय कोतवाल और सचिव तुषार आप्टे नहीं मिले हैं। बीजेपी से जुड़े होने के कारण आरोप है कि राज्य सरकार दोनों को बचा रही है। इसके अलावा एसआईटी ने आज कोतवाल और आप्टे को भगोड़ा घोषित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस के खिलाफ आक्रोश कम करने के लिए एसआईटी ने सुनवाई की पूर्व संध्या पर कोतवाल और आप्टे को भगोड़ा घोषित कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, जिस दिन इस मामले के मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे का पुलिस ने एनकाउंटर किया था, उसी दिन कोतवाल और आप्टे ने जमानत के लिए मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मंगलवार को मुंबई हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी। गौरतलब है कि इस मामले को स्कूल और पुलिस की ओर से रफा-दफा करने के लिए अभिभावकों पर दबाव डाला गया था। बच्ची से रेप के १५ दिन पहले की सीसीटीवी फुटेज गायब कर दी गई। जिसके विरोध में बदलापुर में हजारों लोगों ने ट्रेन रोक दिया था।