मुख्यपृष्ठनए समाचारमुंबई को प्रदूषित करती बेकरियां ...बीएमसी का फरमान, लकड़ी छोड़ो, पीएमजी अपनाआ

मुंबई को प्रदूषित करती बेकरियां …बीएमसी का फरमान, लकड़ी छोड़ो, पीएमजी अपनाआ

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा ने मुंबई की ६५० बेकरियों को एक साल का समय दिया है, ताकि वे फायरवुड का इस्तेमाल छोड़कर इलेक्ट्रिक या पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) का उपयोग करें। मनपा के पर्यावरण विभाग के अधिकारी ने बताया कि हमने उन ६५० बेकरियों को नोटिस जारी किया है जो अपने ओवन में लकड़ियों का इस्तेमाल करती हैं। उन्हें एक साल के भीतर अपने ओवन को इलेक्ट्रिक या पीएनजी में बदलने का आदेश दिया है। अधिकारी ने आगे कहा कि ओवन में लकड़ी जलाना मुंबई में प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण कारण है। हम सभी वॉर्डों में निरीक्षण शुरू कर चुके हैं और जहां भी हमें फायरवुड का इस्तेमाल करनेवाली बेकरियां मिल रही हैं, वहां नोटिस जारी किए जा रहे हैं। मपना की टीम इस मामले में महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों से भी परामर्श कर रही है।
बॉम्बे एनवायरमेंटल एक्शन ग्रुप की एक रिपोर्ट के अनुसार, ४७.१० प्रतिशत बेकरियां अब भी फायरवुड का इस्तेमाल करती हैं। यह बेकरियां मुख्य रूप से पुराने फर्नीचर और जर्जर इमारतों से प्राप्त स्व्रैâप लकड़ी का इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि यह सस्ती होती है। बीइएजीr ने मनपा की पंजीकृत ६२८ बेकरियों में से लगभग २०० का सर्वेक्षण किया। बड़ी बेकरियां रोजना २५०-३०० किलो लकड़ी का इस्तेमाल करती हैं, जबकि औसतन १३० किलो लकड़ी प्रतिदिन इस्तेमाल में लाई जाती है। २० किलो आटे के लिए ४-५ किलो लकड़ी की जरूरत होती है। स्क्रैप लकड़ी की कीमत ४-५ रुपए प्रति किलो होती है, जबकि लॉगवुड १०-१२ रुपए प्रति किलो मिलता है। बीइएजी ने अगस्त २०२४ में अपनी रिपोर्ट मनपा को सौंपी थी, जिसमें फायरवुड के इस्तेमाल के बजाय अन्य उपायों की जरूरत पर जोर दिया गया है।
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