सामना संवाददाता / अजमेर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजी गई चादर अभी अजमेर शरीफ दरगाह पर नहीं चढ़ाई जाए, यह मांग करते हुए अदालत में याचिका दायर की गई है। अजमेर की एक अदालत में दायर याचिका में केंद्र सरकार की ओर से भेजे जाने वाले चादर को अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाने से रोक लगाने की मांग की गई है। यह याचिका हिंदू सेना की ओर से दायर की गई है। हिंदू सेना ने इससे पहले कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि अजमेर शरीफ दरगाह शिव मंदिर की जगह पर बनाई गई है। अजमेर शरीफ दरगाह में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स की बुधवार से शुरुआत हो गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए भेजी गई है। इसे आज शनिवार को चढ़ाया जाना है। इस बीच हिंदू सेना ने अदालत में एक याचिका दायर कर इस पर रोक लगाने की मांग की है। हिंदू सेना की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि इस प्रकरण में २४ जनवरी को सुनवाई होनी है। इसमें केंद्र सरकार भी एक पक्ष है। कल यानी ४ जनवरी को भारत सरकार के प्रधानमंत्री की ओर से भेजी गई चादर विवादित ढांचे पर चढ़ाई जानी है। बतौर प्रतिवादी केंद्र सरकार द्वारा विचाराधीन मुकदमे के होते हुए इस तरह विवादित ढांचे को चादर भेजकर दरगाह की पुष्टि करना सीधा-सीधा न्यायिक स्वतंत्रता और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को बाधित कर रहा है।