सामना संवाददाता / मुंबई
निजी वाहनों के बाहर और भीतर ‘महाराष्ट्र शासन’ लिखने पर बैन लगा दिया गया है। यदि ऐसे वाहन सड़कों पर ‘महाराष्ट्र शासन’ नाम, लाल प्लेट और वाहन के अंदरूनी हिस्से पर लगे स्टीकर के साथ चलते पाए गए तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की स्पष्ट चेतावनी देते हुए प्रादेशिक परिवहन कार्यालय की तरफ से बताया गया है कि महाराष्ट्र शासन लिखकर इसका दुरुपयोग किए जाने की शिकायत मिलने के बाद यह पैâसला लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में निजी वाहनों पर ‘महाराष्ट्र शासन’ जैसे बोर्ड या चिन्ह का उपयोग किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल गलत तरीकों से किया जा रहा है। हालांकि, मोटर वाहन अधिनियम और उसके तहत नियमों के अनुसार इस तरह के वाहनों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। मोटर वाहन अधिनियम १९८४ के अनुसार, इससे सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी नहीं बच सकते हैं। उनके अपने निजी वाहनों पर सरकारी नेम प्लेट लगाने जाने की सख्त मनाही है। हालांकि, पुलिस, वकील , डॉक्टर, सांसद, विधायक, जज, महाराष्ट्र शासन, राज्य सरकार, केंद्र शासन, केंद्र सरकार के स्टीकर लगे वाहन परिवहन विभाग के अधिकारियों के सामने रोजाना चल रहे हैं। कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी अपने निजी वाहन पर ‘महाराष्ट्र शासन’ नाम की प्लेट नहीं लगा सकता।
अनुचित कृत्य की आशंका
पुलिस की कार्रवाइयों से बचने और टोल से छुटकारा पाने के लिए सरकारी कर्मचारी अपने वाहनों पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ लिख लेते हैं। ऐसे वाहनों के पीछे अनुचित कृत्य की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही जिन वाहनों को सरकार ने सरकारी काम के लिए लीज पर लिया था, लेकिन अब उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो चुका है, ऐसे वाहनों में अभी भी ‘महाराष्ट्र सरकार’ लिखा हुआ है। इसलिए एहतियातन परिवहन विभाग ने महाराष्ट्र सरकार के स्वामित्व वाले वाहनों को छोड़कर, निजी वाहनों के बाहर और भीतर ‘महाराष्ट्र शासन’ लिखने और नेम प्लेट लगाने पर रोक लगा दी है। इस आशय का अध्यादेश भी जारी किया गया है।
बढ़ी आशंका
प्रदेश में वाहनों पर ‘महाराष्ट्र शासन’ और ‘पुलिस’ जैसी अनधिकृत नेम प्लेटों की संख्या में वृद्धि हुई है। दूसरी ओर अपराधियों द्वारा भी इन नेम प्लेटों का उपयोग करने की संभावना है। इसके चलते एहतियात के तौर पर परिवहन विभाग की ओर से जल्द ही ऐसे वाहनों के लिए जांच अभियान चलाया जाएगा।