नए स्थान पर बुनियादी सुविधाओं के अभाव का आरोप
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के बांद्रा-पूर्व में बसे सैकड़ों झुग्गीवासियों को जबरन हटाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन उनके पुनर्वास की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। प्रशासन ने उन्हें मालाड के अप्पा पाड़ा इलाके में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है, लेकिन वहां की स्थिति दयनीय बताई जा रही है। निवासियों का आरोप है कि नई इमारतों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
प्रशासन के आदेश के मुताबिक, गौतम समता नगर में बसे १३८ परिवारों में से केवल ८३ को पुनर्वास के लिए पात्र माना गया है, जबकि बाकी लोगों को कोई विकल्प नहीं दिया गया है। जिन्हें योग्य बताया गया है, उन्हें भी ऐसी जगह भेजा जा रहा है, जहां न तो साफ पानी की आपूर्ति है और न ही सुरक्षा की कोई गारंटी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह विस्थापन उनकी रोजी-रोटी और बच्चों की पढ़ाई पर भारी असर डालेगा। कई लोग वर्षों से यहीं काम कर रहे हैं और इतनी दूर जाकर नए सिरे से जीवन शुरू करना उनके लिए मुश्किल होगा। कई दुकानदारों और श्रमिकों का कहना है कि वे अचानक से अपना रोजगार नहीं छोड़ सकते, लेकिन प्रशासन जबरदस्ती फैसला थोपने पर आमादा है।
कुछ परिवारों को अन्य दूरस्थ इलाकों में भेजा जा रहा है, जिससे वे अपने समुदाय से बिछड़ जाएंगे। निवासियों का कहना है कि प्रशासन ने उनसे बातचीत किए बिना यह फैसला लिया है। अब वे अपने अधिकारों के लिए लड़ने को मजबूर हैं। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों और मंत्रियों को पत्र लिखकर पुनर्वास की बेहतर योजना की मांग की है और अब अदालत का रुख करने की भी तैयारी कर रहे हैं।