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भारत के खिलाफ बांग्लादेश ने बनाया रिंग ऑफ फायर! … पाकिस्तान देगा बांग्लादेशी सैनिकों को ट्रेनिंग

– भारत विरोधी हैं मोहम्मद यूनुस की नीतियां
– मोदी सरकार की डिप्लोमेसी के लिए बना सिरदर्द
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
भारत के कुख्यात पड़ोसी देशों की लिस्ट थोड़ी और लंबी हो गई है। बदमाश पड़ोसियों की लिस्ट में अब बांग्लादेश शामिल हो गया है। पाकिस्तान के साथ दोस्ती बढ़ाने के बाद बांग्लादेश अब चीन के साथ घुल-मिल रहा है और अब हकीकत में मोदी सरकार की डिप्लोमेसी के लिए बांग्लादेश बड़ा सिरदर्द बन सकता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के भोंपू ग्लोबल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में बांग्लादेश के २१ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बीजिंग का दौरा किया था। जिनमें राजनेता, पत्रकार, छात्र नेता शामिल थे। इस दौरान उन्हें चीन की टेक्नोलॉजी और बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में बताया गया, लेकिन सबसे बढ़कर बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के बारे में उनका ब्रेनवॉश किया गया। बांग्लादेश के इस प्रतिनिधिमंडल ने बीवाईडी और लोंगी जैसी शीर्ष चीनी कंपनियों का दौरा किया।

यहां इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि चीन, बांग्लादेश को ऋण चुकाने के लिए सैद्धांतिक तौर पर कुछ समय बढ़ाने के लिए तैयार हो गया है और रिपोर्ट ये भी है कि बीजिंग बांग्लादेश के ऊपर लगाई गई ब्याज दरों को भी थोड़ा कम कर सकता है। जाहिर तौर पर चीन, बांग्लादेश को अपने और करीब करना चाहता है। बांग्लादेश ने चीन से ब्याज दरों को २-३ फीसदी से घटाकर १ फीसदी करने की अपील की है। इसके अलावा प्रतिबद्धता शुल्क माफ करने और तरजीही क्रेता ऋण और सरकारी रियायती ऋण के लिए ऋण चुकाने की अवधि को २० वर्ष से बढ़ाकर ३० वर्ष तक करने का आग्रह किया है।
खुफिया सूत्रों के आधार पर कहा गया है कि शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने के लिए चीन ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ काफी करीबी भूमिका निभाई थी। आईएसआई के समर्थन वाला जमात-ए-इस्लामी और उसके छात्र विंग, इस्लामी छात्र शिबिर आईसीएस ने कथित तौर पर आरक्षण विरोध को चीन और पाकिस्तान की मदद से हिंसक बनाया। चीन ने पाकिस्तान के रास्ते बांग्लादेश में पैसे भेजे। रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर चीन के राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने इस कोशिश में मदद पहुंचाई थी।
पाकिस्तान की मौजूदगी भारत के लिए टेंशन
इस बीच बांग्लादेश ने एक और ऐसा कदम उठाया है जो दिल्ली को परेशान करने वाला है। बांग्लादेश की आजादी के बाद पहली बार हुआ जब पाकिस्तान का एक मालवाहक जहाज बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह पर डायरेक्ट रूट से पहुंचा। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान से ५०,००० मीट्रिक टन बासमती चावल आयात करने के लिए सरकार-से-सरकार के बीच हुए सौदे के बाद जहाज बांग्लादेश पहुंचा। २५ मीट्रिक टन चावल लेकर यह जहाज कराची के कासिम बंदरगाह से रवाना हुआ और मोंगला पहुंचने से पहले चटगांव में उतरेगा। अब पाकिस्तान पैर जमाने की कोशिश कर रहा है, जो भारत के लिए टेंशन की वजह हो सकता है।
डिफेंस समझौते भी परेशान करने वाले
भारत की परेशानी को और बढ़ाते हुए पाकिस्तान की आईएसआई कथित तौर पर बांग्लादेश में अपना प्रभाव बढ़ा रही है। इस पहल के तहत बांग्लादेश की जेलों में बंद कुख्यात आतंकवादियों को रिहा करने पर बात चल रही है। खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि जमात-ए-इस्लामी और इस्लामी छात्र शिविर जैसे आईएसआई समर्थित समूह कट्टरपंथी नेटवर्क को मजबूत कर रहे हैं, जो बांग्लादेश की सुरक्षा और भारत के क्षेत्रीय हितों दोनों को खतरा बन सकते हैं।

 

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