सामना संवाददाता / मुंबई
इस वर्ष गणेशोत्सव में केवल पर्यावरण-संरक्षण के अनुरूप बनी गणेश मूर्तियों को ही अनुमति दी जाएगी। रिपोर्ट की मानें तो इसी उद्देश्य से मुंबई मनपा ने २४ अप्रैल को शहर के मूर्तिकारों के साथ बैठक बुलाई है। इसमें मूर्ति निर्माण से जुड़े नियमों की जानकारी दी जाएगी और यह स्पष्ट किया जाएगा कि प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी मूर्तियां अब प्रतिबंधित हैं।
मनपा अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल (सीपीसीबी) और मुंबई हाई कोर्ट के आदेशों के तहत की जा रही है। हाई कोर्ट ने जनवरी २०२५ में और सीपीसीबी ने मई २०२० में पीओपी मूर्तियों पर रोक लगाने का आदेश दिया था। कारण साफ है-पीओपी से बनी मूर्तियां जल स्रोतों को प्रदूषित करती हैं और जलीय जीवों के लिए नुकसानदेह हैं। मनपा ने मूर्तिकारों को वैकल्पिक रूप से शाडू मिट्टी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, जिससे मूर्तियां पर्यावरण अनुकूल तरीके से बनाई जा सकें। यदि मूर्तिकार निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें अनुमति नहीं दी जाएगी। कुछ मूर्तिकारों का कहना है कि नियमों को लेकर अब तक स्पष्टता नहीं थी, जिससे उनका काम समय पर शुरू नहीं हुआ। कुछ ने सुझाव दिया कि पीओपी मूर्तियों को कृत्रिम तालाव में विसर्जित कर पुनर्चक्रित किया जा सकता है।