सुरेश एस डुग्गर / जम्मू
पांचवें चरण के मतदान में बारामुल्ला संसदीय क्षेत्र में मतदान के सारे पिछले रिकॉर्ड 3 बजे तक टूट चुके थे। बारामुल्ला लोकसभा सीट पर तीन बजे 45 प्रतिशत वोटिंग हुई है। तीन बजे ही बारामुल्ला सीट पर हुए मतदान ने पिछले चार बार के लोकसभा चुनावों के मतदान रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया था। बारामुल्ला में 2019 में 34.89 प्रतिशत, 2014 में 39.13 प्रतिशत, 2009 में 41.84 प्रतिशत और 2004 में 35. 65 प्रतिशत मतदान हुआ था।
सच में जम्मू-कश्मीर में इस बार लोकसभा चुनाव कुछ खास है न कोई बहिष्कार की अपील, न आतंकियों का डर। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के बीच लोग खुशी-खुशी घर से वोट डालने के लिए नजदीक के मतदान केंद्रों पर पहुंचे थे।
इस बीच कश्मीर में एक आंतकी के भाई ने उससे लौटने की अपील की और वोट डालने के बाद लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के भाई ने उससे आत्मसमर्पण करने की अपील की। रउफ अहमद लोन लश्कर-ए-तैयबा के सक्रिय आतंकवादी उमर लोन का भाई है, उमर लोन आतंकवाद से संबंधित कई मामलों में वांछित है।
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के बारामुल्ला से चुनाव लड़ने की वजह से यह सीट सियासी चर्चा के केंद्र मे है। बारामुल्ला संसदीय सीट पर नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, पीपुल्स कान्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन और इंजीनियर रशीद मैदान में हैं। कश्मीर के कद्दावर नेताओं के बीच मुकाबला होने की वजह से बारामुल्ला सीट देशभर में सुर्खियों में है।
श्रीनगर सीट की तरह बारामुल्ला लोकसभा क्षेत्र के लिए भी रिकॉर्ड वोटिंग के दरवाजे खुल गए थे। बारामुल्ला लोकसभा क्षेत्र में 17 लाख से अधिक मतदाता हैं। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बडगाम, बारामुल्ला, कुपवाड़ा और बांडीपोरा जिले आते हैं। इस सीट पर मतदान के लिए 2103 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इनमें शहरी क्षेत्रों में 244 और ग्रामीण क्षेत्र में 1,859 मतदान केंद्र हैं।
इस संसदीय क्षेत्र के लिए भी कश्मीरी विस्थापितों ने कश्मीर में वापसी की उम्मीद के साथ मतदान किया। जम्मू में कश्मीरी विस्थापित मतदाताओं के लिए 21 मतदान केंद्र बनाए गए थे। सोमवार को बारामुल्ला संसदीय सीट के लिए सभी 21 पोलिंग स्टेशन पर मतदान हुआ। इसके अलावा तीन अतिरिक्त एगजलरी पोलिंग बूथ स्थापित किए गए थे। पोलिंग स्टेशनों पर मतदान के लिए आने वाले विस्थापित मतदाताओं में खासा उत्साह देखा गया। इसमें बारामुल्ला संसदीय सीट के विभिन्न क्षेत्रों से विस्थापित मतदाताओं ने लोकतंत्र के पर्व में शिरकत की। उनका कहना है कि कश्मीरी विस्थापितों की सुरक्षित और सम्मानजनक घाटी में वापसी होनी चाहिए।