– दक्षिणी छोर पर पड़ा है ब्रिज का मलबा
सामना संवाददाता / मुंबई
घाटकोपर रेलवे स्टेशन पर विकास कार्य के कारण लगी बैरिकेडिंग यात्रियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। खासतौर पर प्लेटफॉम नंबर एक पर बढ़ती भीड़ से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ रही है। फुटओवर ब्रिज के तोड़े गए पत्थरों का मलबा भी दक्षिणी छोर पर पड़ा है, जिससे प्लेटफॉर्म पर चलने की जगह और कम हो गई है।
२०१९ में एक रिपोर्ट में घाटकोपर स्टेशन को ‘डेथ ट्रैप’ (मौत का जाल) बताया गया था। उस समय सांसद मनोज कोटक ने तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गोयल से इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए कहा था। इसके बाद रेलवे द्वारा अपग्रेडेड का पैâसला किया गया, लेकिन काम की धीमी रफ्तार और अव्यवस्था के कारण समस्या और बढ़ गई है।
मुंबई रेलवे विकास निगम (एमआरवीसी) घाटकोपर स्टेशन को सात पॉइंट योजना के तहत अपग्रेड कर रहा है, इसके तहत कई नए पुल और एलिवेटेड डेक बनाए जा रहे हैं। पहला चरण पूरा हो चुका है, लेकिन मेट्रो स्टेशन के पास चल रहे दूसरे चरण के काम यात्रियों के लिए मुसीबत बन गए हैं।
प्रशासन की नाकामी से बढ़ी भीड़
घोटकोपर स्टेशन पर मेट्रो ब्लू लाइन १ के यात्रियों की भीड़ भी बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार, मरोल की एक्वा लाइन ३, अंधेरी की रेड लाइन ७ और डीएन नगर की यलो लाइन २ ए शुरू होने के बाद यहां यात्रियों की संख्या दोगुनी हो गई है। प्रशासन को पहले से ही इस बढ़ती भीड़ का अनुमान लगाना चाहिए था, लेकिन समुचित व्यवस्था न होने के कारण यात्री असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
प्रशासन की सफाई
एक रिपोर्ट के अनुसार, एमआरवीसी के एक अधिकारी ने कहा कि ‘यात्रियों को हो रही परेशानी की जानकारी है और काम को जल्द पूरा किया जाएगा।’
बताया जा रहा है कि एलिवेटेड डेक की नींव का कार्य अगले दो दिनों में पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद बैरिकेड्स हटा दिए जाएंगे। वहीं प्लेटफॉर्म एक पर पाइल फाउंडेशन (गहरी नींव) का कार्य कल रात से शुरू होने की बात कही जा रही थी। इसके अलावा, १२ मीटर चौड़ा दक्षिणी फुटओवर ब्रिज (एफओबी) अगले दो महीने में तैयार होने की योजना है।