गजेंद्र भंडारी
राजस्थान की ‘सुपर हॉटेस्ट’ बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी ने एक बार फिर अपनी जीत का दावा किया है। बाड़मेर-जैसलमेर में हुई जबरदस्त वोटिंग का हवाला देते हुए उन्होंने कहा है कि जीत उनके पक्ष में होगी और ये नतीजा प्रदेश के लिए ऐतिहासिक रहेगा। भाटी ने कहा कि प्रदेश में हालिया संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बाड़मेर में रिकॉर्ड मतदान हुआ है, जिससे साफ है कि जनता ने यहां बदलाव का पैâसला लिया है। ऐसे में ४ जून का ऐतिहासिक चुनाव नतीजा हमारे पक्ष में ही होगा। भाटी ने कहा कि चुनाव का समय है तो आरोप-प्रत्यारोप तो लगते ही हैं। हम इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, बल्कि हम ‘कर्म करो, फल की चिंता मत करो’ के आधार चलते हैं और अपने कर्म करते हैं। भाजपा नेता देवी सिंह भाटी के साथ हालिया मुलाकात के सवाल पर भी रविंद्र सिंह भाटी ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि देवी सिंह भाटी राजस्थान की राजनीति के कद्दावर नेता हैं। वे वरिष्ठ भी हैं और मार्गदर्शक भी हैं। कुछ दिन पहले उनसे शिष्टाचार मुलाकात कर आशीर्वाद लिया था।
बह रही बदलाव की हवा
राजस्थान की राजनीति में पिछले छह महीने से बेहद शांति है। बीजेपी और कांग्रेस में एक बड़े बदलाव की तैयारी थी, लेकिन कुछ हो नहीं सका। यहां तक कि दोनों दलों का केंद्रीय नेतृत्व भी यहां सब कुछ यथास्थिति बनाकर चलने पर सहमत हो गया। इसके बाद यहां पर लगातार दो बड़े चुनाव हुए, जिसे लेकर कोई बड़ा बदलाव नहीं हो पाया, मगर अब यहां पर बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि, पहले चर्चा थी कि चुनाव परिणाम के बाद कुछ निर्णय लिया जाएगा, लेकिन उससे पहले यहां पर लिस्ट बनाई जा रही है। दोनों दलों में संगठनात्मक बदलाव होने के आसार हैं। राजस्थान में बीजेपी संगठन महामंत्री, प्रदेश प्रभारी, प्रदेश स्तर के तमाम पदों पर बदलाव की तैयारी है। इसके साथ ही सभी मोर्चों में बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं। इस बार महिलाओं और युवाओं को अधिक संख्या में जगह दिए जाने की रणनीति बनाई जा रही है। वहीं राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कार्यकाल लगभग पूरा हो चुका है। उनके कार्यकाल को विस्तार दिया गया है। अब चुनाव के बाद किसी दूसरे नेता को कमान दी जा सकती है। कई नामों पर चर्चा चल रही है। कई विधायकों को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
पीके ने क्या कह दिया?
राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म होने के बाद अब इसी बात पर सभी की निगाहें है कि प्रदेश में कौन सा दल ज्यादा सीटें पाने में कामयाब होगा? पिछले दो लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए गठबंधन ने सभी २५ सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस खाली हाथ रह गई। हालांकि, इस बार कांग्रेस का दावा है कि पार्टी कई सीटों पर जीत हासिल करेगी। वहीं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी इसे लेकर दावा कर दिया है। इस बार लोकसभा चुनाव के संभावित नतीजों पर पीके ने राय रखते हुए कहा कि साल २०१९ के चुनावों में भाजपा ने अपनी ३०३ सीटें कहां हासिल की थीं। इनमें २५० सीटें उत्तर और पश्चिम क्षेत्रों से आर्इं। ऐसे में मुख्य सवाल यह है कि क्या भाजपा को इन क्षेत्रों में जरूर नुकसान (५० या अधिक सीटें) का सामना करना पड़ रहा है? उन्होंने कहा कि फिलहाल बीजेपी के पास पूर्व और दक्षिण राज्यों में करीब ५० लोकसभा सीटें हैं। माना जा रहा है कि पूर्व और दक्षिण क्षेत्रों में भाजपा की हिस्सेदारी १५-२० सीटों पर बढ़ने की उम्मीद है, जबकि पार्टी को उत्तर और पश्चिम में कोई खासा नुकसान नहीं होगा। वहीं राजस्थान में सीटों को लेकर पीके ने जो कहा, वह बीजेपी को जरूर राहत देने वाला है। प्रशांत किशोर के मुताबिक, राजस्थान और हरियाणा में बीजेपी को २ से ५ सीटों का नुकसान ही होगा।